सासाराम: शेर शाह सूरी का जन्मस्थान सासाराम इतिहास के साथ-साथ राजनीति के पन्नों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. सासाराम संसदीय सीट सुरक्षित है. इस चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव की तरह मुख्य मुकाबला महागठबंधन प्रत्याशी कांग्रेस नेता मीरा कुमार और एनडीए की ओर से बीजेपी नेता छेदी पासवान के बीच है.
दलित वोटरों की संख्या अधिक
हालांकि यहां 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. सासाराम सीट पर अंतिम और सातवें चरण में 19 मई को मतदान होना है. सासाराम में सवर्ण वर्ग में ब्राह्मण और राजपूत सबसे ज्यादा हैं, लेकिन मतदाताओं की सबसे बड़ी संख्या दलितों की है. दलितों में मीरा कुमार की जाति रविदास पहले नंबर पर और दूसरे नंबर पर छेदी पासवान की जाति पासवान है.
यहां कितने वोटर
सासाराम में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 71 हजार 935 है. पुरुष वोटरों की संख्या 9 लाख 28 हजार 122, महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 43 हजार 776 जबकि थर्ड जेंडर के 37 मतदाता हैं.
कितनी विधानसभा सीटें
सासाराम लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें मोहनिया, भभुआ, चौनपुर, चेनारी, सासाराम और करहगर आती हैं. इनमें तीन विधानसभा सीटें रोहतास जिले की, जबकि तीन कैमूर जिले की हैं.
कांग्रेस की परंपरागत सीट
सासाराम कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है जगजीवन राम और सासाराम एक-दूसरे के पर्याय रहे हैं. 1984 में जब कांग्रेस के विरोध में पूरे देश में हवा चल रही थी, तब भी यह सीट कांग्रेस के खाते में आई थी और जगजीवन राम यहां से आठवीं बार विजयी हुए थे. इसके बाद वर्ष 1989 में हुए आम चुनाव में यह सीट जनता दल के हाथ में चली गई, लेकिन 1996 में इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया.