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कैमूर: पिता ने खरीद कर नहीं दिया मोबाइल तो 14 वर्षीय बेटे ने खाया कीटनाशक - माता-पिता की जिम्मेदारी

मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अवर निरीक्षक संतोष कुमार पाण्डेय भभुआ सदर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने बताया कि परिजन जब लड़के को भभुआ सदर अस्पताल लेकर आए थे तो काफी चिंतित थे. इलाज के बाद लड़के की स्थिति में सुधार है.

कैमूर
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Published : Jun 22, 2020, 5:18 AM IST

Updated : Jun 23, 2020, 2:19 AM IST

कैमूर: जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के शेरपुर झगड़िया गांव में एक किशोर ने मोबाइल के लिए जहर खा लिया. बताया जा रहा है कि वह बीते कई महीने से अपने पिता से मोबाइल की मांग कर रहा था. जब उसके पिता ने पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा तो उसने गुस्से में आकर जहर खा लिया.

तबीयत बिगड़ने के बाद उसके परिजनों ने उसे आनन-फानन में भभुआ सदर अस्पताल में भर्ती किया. जहां उसका उपचार जारी है. फिलाहल, वह खतरे से बाहर बताया जा रहा है.

जांच-पड़ताल के लिए अस्पताल पहुंची पुलिस
इधर, मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अवर निरीक्षक संतोष कुमार पाण्डेय भभुआ सदर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने ने बताया कि परिजन जब लड़के को भभुआ सदर अस्पताल लेकर आए थे तो काफी चिंतित थे. इलाज के बाद लड़के की स्थिति में सुधार है. घटना को लेकर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है.

14 वर्ष की आयु बदलाव की अवस्था
गौरतलब है कि महान दार्शनिक रूसो ने बालकों की तीन अवस्थाओं की कल्पना की थी. जिसमें से शैशवावस्था, जो एक वर्ष से पांच तक रहती है. बाल्यावस्था जो 5 साल से लेकर 12 वर्ष तक रहती है और किशोरावस्था जो 12 वर्ष से 20 वर्ष तक रहती है. चिकित्सकों की मानें तो किशोरवस्था में बालकों के शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी बदलाव होता है. यह वो समय होता है, जब बच्चे बचपने से निकलकर जीवन की दूसरी सीढ़ी पर पैर रखने के लिए तैयार होते हैं. उनमें मानसिक और शारीरिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक विकास भी होने लगता है.

ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी कई गुणा बढ़ जाती है. इस वजह से अपने बच्चों के साथ प्यार से पेश आए और उन्हें प्यार से ही समझाना चाहिए. अगर ये कहा जाए कि मनुष्य के जीवन का यह सबसे नाजुक दौर होता है, तो गलत नहीं होगा.

Last Updated : Jun 23, 2020, 2:19 AM IST

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