कैमूर:देशभर मेंलॉकडाउन जारी है. इसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है, जिनके पास रोजगार के रूप में सिर्फ मजदूरी है. इसके अलावा दूर-दराज के इलाके में रहने वाले लोगों को भी भारी परेशानी हो रही है. ऐसे में जिले के नक्सल प्रभावित इलाके के लोगों की सुध लेने जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी और एसपी दिलनवाज अहमद उनके बीच पहुंचे.
वहां पहुंचकर उन्होंने वन वासियों को न सिर्फ कोरोना के प्रति जागरूक किया, बल्कि लॉकडाउन के पालन का भी निर्देश दिया. उन्होंने इन लोगों के बीच खाद्य सामग्री का भी वितरण किया. इस क्रम में डीएम और एसपी अब तक एक दर्जन से ज्यादा नक्सल प्रभावित गांवों का दौरा कर चुके हैं.
डीएम-एसपी ने की लोगों की मदद पुलिस-पब्लिक रिश्ता हुआ मजबूत- एसपीडीएम और एसपी ने चैनपुर प्रखंड के अंतर्गत कैमूर पहाड़ पर बसे करकटगढ़ सहित अन्य गांव का दौरा किया. जिलाधिकारी ने इस दौरान लोगों की समस्याएं सुनी और उनके निदान का भी आदेश दिया. डीएम और एसपी के इस पहल की सराहना हर कोई कर रहा है. इस मौके पर एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद पिछले कई सालों से इन क्षेत्रों से कोई घटना सामने नहीं आई है. इसका कारण यह है कि पुलिस लगातार इन क्षेत्रों के लोगों से संपर्क में है और आज के समय में पुलिस-पब्लिक का रिश्ता इतना मजबूत हो गया है कि लोग अब प्रशासन का भरपूर न सिर्फ सहयोग कर रहें है बल्कि मुख्य धारा से जुड़ भी रहे हैं.
हर संभव मदद करेगा प्रशासन- डीएम
डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने बताया कि ग्रामीणों के पास जमीन है और सरकारी कागजात भी हैं. गांव में स्कूल नहीं है. हालांकि एक प्राइवेट स्कूल चलता है. जिसको देखते हुए उन्होंने तुरंत स्कूल के पास चापाकल लगवाने का भरोसा दिलाया है और जल्द ही यह कार्य पूरा कर लिया जायेगा. डीएम ने बताया कि गांव में आंगनवाड़ी खोलने का प्रस्ताव भी विभाग को भेजा जाएगा. उम्मीद है जल्द ही यह संभव हो पाएगा. मौके पर डीएम ने लोगों की न सिर्फ समस्या सुनी बल्कि तुरंत समाधान भी किया और लोगों को यह भरोसा दिलाया कि प्रशासन ग्रामीणों की हर संभव मदद करेगा.
लॉकडाउन की अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में समाजसेवियों की ओर से लोगों की मदद करने वाले सभी समाजसेवियों को डीएम ने न सिर्फ धन्यवाद कहा बल्कि उनके कार्य की तारीफ भी की. ग्रामीणों ने बताया कि राहत सामग्री के तौर पर लोगों के बीच चावल, आटा, आलू, बिस्कुट, नमक, तेल सहित अन्य सामानों का वितरण किया गया.