कैमूर: बढ़ती गर्मी के बीच आगलगने की घटनाओं में तेजी देखने को मिल रही है. बिहार के लगभग हर जिले से अगलगी की खबरे आ रही है. बुधवार को कैमूर जिले के भी विभिन्न जगहों पर अगलगी की घटनाएं देखने को मिलीं. जिले के रामगढ़ प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले कई गांवों व बधार में आग की लपटों ने किसानोंकी खड़ी फसलों को जलाकर राख कर दिया. जिससे लाखों का नुकसान हुआ है.
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50 एकड़ से ज्यादा की फसल जलकर राख
जानकारी के अनुसार बुधवार को आग ने यहां के कई गांवों में फिर से भारी तबाही मचाई है. पछुआ हवाके तेज झोंके की वजह से आग ने डहरक, भरिगांवा व सियरुआं के बधार में 50 एकड़ से अधिक में लगे गेंहू की खड़ी फसल को जलाकर राख कर दिया. उधर खोरहरा अजा बस्ती में भी आग का कहर बरपा जिसमें कई झोपड़ियां जलकर खाक हो गईं. नुकसान का आकलन लाखों में किया जा रहा है. प्रखंड क्षेत्र में आग की लगातार घटनाओं से किसान परेशान हैं. लाखों रुपये मुल्य का गेहूं जलकर राख होने से किसानों की हालत बदतर हो गई है.
50 एकड़ से ज्यादा में लगी फसल जलकर राख दूर खड़ें रहकर फसल को जलते देखते रहे किसान
आग लगने की घटनाओं के बारे में जानकारी देते हुए किसानों ने बताया कि आग को झाड़-झंखाड़ से पीटकर बुझाने की बहुत कोशिश की गई. लेकिन पछुआ हवा के कारण आग की लपटें इतनी तेज थी कि किसी की एक नहीं चली. उसकी आंच से लोग काफी दूर खड़े होकर अपनी फसल को जलते हुए देखते रहे. लोगों की सूचना पर बारी बारी से मोहनिया व रामगढ़ से फायर ब्रिगेड की गाडियां मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश करती रहीं. लेकिन किसानों की फसलों को बर्बाद होने से नहीं बचा सकीं.
आग लगने के कारणों का नहीं चला पता
जानकारी के अनुसार डहरक में हृदया सिंह व भरिगांवा में नंदराज पांडेय, सियरुआं में नीरज पांडे, वीरेन्द्र सिंह समेत ऐसे दर्जनों किसान हैं जिनकी फसल आग में जलकर राख हो गई. ये आग क्यूं लगी? इसका अभी तो कोई कारण पता नहीं चल सका है. कई लोग यह भी मान रहे हैं कि गेहूं की कटाई वाले खेत में रैपर मशीन द्वारा भूसा बनाने का काम हो रहा था शायद उसके कारण ही आग लगी.