कैमूर:देश का भविष्य बच्चे हैं और बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए परिजन भी कड़ी मेहनत कर उन्हें स्कूल भेजते हैं, लेकिन बिहार सरकार की आंखें अभी भी शिक्षा को लेकर खुल नहीं रही है. ताजा मामला कैमूर (Kaimur) जिले के दुर्गावती प्रखंड का है, जहां धड़हर पंचायत में करीब 7 गांव के सैकड़ों बच्चे और बच्चियां उच्च शिक्षा पाने के लिए जान जोखिम में डाल नाव पर सवार होकर पड़ोसी राज्य यूपी के चंदौली जिले में स्थित भुजना के राजकुमार इंटर कॉलेज मे पहुंचते हैं.
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दोनों राज्यों को जोड़ने वाली इस नदी पर भी पुल का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे यहां के छात्र-छात्राओं सहित ग्रामीण लोगों को भी परेशानी होती है. अगर सरकार इस नदी पर पुलिया का निर्माण भी करा दें, तो नाव का झंझट ही खत्म हो जाएगा और बच्चे भी सुरक्षित विद्यालय पढ़ने के लिए पहुंच सकेंगे. इसके पहले भी कई बार बच्चों से भरी नाव नदी में पलटने से बड़ा हादसा हो चुकी हैं, लेकिन सरकार को यह नहीं दिखता है.
बता दें कि धड़हर पंचायत में उच्च शिक्षा पाने के लिए एक भी उच्च स्तरीय विद्यालय का निर्माण नहीं किया गया है. विद्यालय बना भी है तो सिर्फ आठवीं तक ही बना है. इस पंचायत के रहने वाले जानकार लोगों ने बताया कि दुर्गावती प्रखंड में उच्च शिक्षा के लिए विद्यालय की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है, जो कि बच्चे वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं. पिछले 40 से 50 वर्षों से धड़हर स्थित कान्हपुर गांव के रास्ते लगभग 7 गांव के छात्र और छात्राओं को जान जोखिम में डालकर कर्मनाशा नदी को पार कर यूपी के भुजना विद्यालय में शिक्षा के लिए जाना पड़ता है.
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