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पुल क्षतिग्रस्त होने से NH-2 पर आवागमन बाधित, एक महीने के अंदर बनेगा वैकल्पिक ब्रिज - kolkata delhi bridge

चंदौली के डीएम नवजीत सिंह कई अधिकारियों के साथ इस क्षतिग्रस्त पुल का जायजा लिया. साथ ही लोगों से इस पुल से फिलहाल दूरी बनाने का निर्देश भी दिया. वहीं, डीएम नवजीत सिंह चहल की ओर से नई ट्रैफिक चार्ट जारी किया गया है.

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बंद पुल

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Published : Dec 30, 2019, 5:36 PM IST

कैमूर: यूपी-बिहार बॉर्डर पर चंदौली के कर्मनाशा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. जिससे दिल्ली-कोलकाता एनएच 2 का परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया. हालांकि, उत्तर प्रदेश प्रशासन की तरफ से परिचालन रोककर नई ट्रैफिक व्यवस्था की गई है. खुद चंदौली के डीएम नवजीत सिंह मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं.

चंदौली के डीएम नवजीत सिंह ने कई अधिकारियों के साथ इस क्षतिग्रस्त पुल का जायजा लिया. साथ ही लोगों से इस पुल से फिलहाल दूरी बनाने का निर्देश भी दिया. वहीं, डीएम नवजीत सिंह चहल की ओर से नई ट्रैफिक चार्ट जारी किया गया है. ताकि एनएच 2 पर दोनों तरफ से आनेवाली गाड़ियों का परिचालन सामान्य हो सके.

क्षतिग्रस्त पुल

क्या है नया रूट चार्ट
प्रयागराज भदोही ( एनएच 2 पर दिल्ली ) की तरफ से आनेवाले भारी वाहनों यूपी के वाराणसी-रामनगर के टेंगड़ा मोड़ से होते हुए नारायणपुर, रॉबर्टगंज-सोनभद्र जिला होते हुए शेरघाटी बिहार के रास्ते एनएच 2 पर प्रवेश करेगी. ठीक इस तरफ बिहार की तरफ से जानेवाली गाड़ियां शेरघाटी होते हुए झारखंड के हरिहरगंज होते हुए यूपी के सोनभद्र जिले में प्रवेश करेगी. वहां से रामनगर-वाराणसी से रास्ते भदोई-प्रयागराज (इलाहाबाद) की तरफ एनएच 2 मिलेगी.

कैमूर से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पुलिस कर रही है कैंप
बता दें कि पुल पर यूपी पुलिस लगातार कैंप कर रही है. पुल के दोनों तरफ डायवर्सन का काम शुरू कर दिया गया है. एनएच 2 पर बना यह पुल पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और बिहार को सीधे राजधानी दिल्ली से जोड़ता था. चंदौली के डीएम नवजीत सिंह ने बताया कि एनएचएआई के प्लान के तहत क्षतिग्रस्त पुल के बगल में कम ऊंचाई की पुल का निर्माण 1 माह के अंदर किया जाएगा.

दिल्ली की टीम करेगी जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई
डीएम नवजीत ने बताया कि दिल्ली से टीम जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि किस कारणों से पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. डीएम ने ये भी कहा कि पुल पर परिचालन 2009 में शुरू हुआ. 30 वर्षों के लिए पुल के मेंटेनेंस का कॉन्ट्रैक्ट सोमा नाम की कंपनी को दिया गया था. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के बाद यह पता चल पाएगा कि आखिरकार क्यों 10 सालों में ही पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के बाद यदि कुछ गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी. वहीं, यूपी में पदस्थापित एनएचएआई के एक अधिकारी का कहना है कि पुल ओवरलोडिंग की वजह से क्षतिग्रस्त हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि अब रिपोर्ट आने के बाद ही इसके कारणों का पता चल पाएगा.

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