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पेंटिंग से लोगों को नो यूज प्लास्टिक के प्रति जागरूक कर रहे बच्चे

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Published : Mar 6, 2020, 4:20 PM IST

Updated : Mar 6, 2020, 4:40 PM IST

कैमूर में शिक्षक और बच्चे पेंटिंग के माध्यम से नो यूज प्लास्टिक को लेकर जागरुकता अभियान फैला रहे हैं

छात्रा
छात्रा

कैमूर: नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक पूरे देश का मुहिम बन चुका है. इस मुहिम में जिलें के फाइन आर्ट के एक छात्र ने अपना योगदान देने के लिए एक नई पहल शुरू की है. फाइन आर्ट के छात्र अमरीश कुमार तिवारी जिलें में बच्चों को निशुल्क प्राकृतिक पेंटिंग के गुण सीखा रहे है और प्लास्टिक के प्रति अपने 20 छोटे छोटे छात्रों के साथ लोगों को पेंटिंग के माध्यम से जागरूक भी कर रहे हैं.

जागरुकता के बाद हुई सफाई
छात्रा जूही चौबे ने बताया कि प्लास्टिक से न सिर्फ पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि मानव शरीर और जानवरों को भी इससे काफी नुकसान होता है. उन्होंने बताया कि पेंटिंग क्लास में सर प्लास्टिक से संबंधित कई पेंटिंग बनवाते हैं. जिसको लेकर वो अपने घरवालों और आसपास के लोगों को दिखाती है और अपने कला के माध्यम से परिवार और पड़ोसियों को प्लास्टिक पूर्ण त्याग करनें के लिए जागरूक करती हैं.

वहीं, क्लास 8 की छात्रा खुश्बू कुमारी ने बताया कि प्लास्टिक से हरियाली खत्म होते जा रहा है. इससे प्लास्टिक मिट्टी के उपज को खत्म कर देती है. उन्होंने कहा कि ऐसे में पेंटिंग के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया दिया रहा है कि हरियाली के लिए प्लास्टिक को त्याग दें. छात्रा ने बताया कि आसपास के लोगों को अपनी पेंटिंग से जागरूक किया गया है. अब उन्हें घर के आसपास हरियाली है.

पेंटिंग करते छात्रा

छात्रा ने फैलाया जागरुकता अभियान
5वीं क्लास की छात्रा अनुष्का ने बताया कि एसिड रेन और पर्यावरण में परिवर्तन का प्लास्टिक एक मुख्य कारण बन चुका है. अब प्लास्टिक बैन किया जा चुका है. ऐसे में पेंटिंग के माध्यम से घर-परिवार, आस पड़ोस और स्कूली साथियों को प्लास्टिक के प्रति जागरूक कर रहे हैं, जिसका परिणाम देखने मिलता है.

पेश है रिपोर्ट

पेंटिंग के माध्यम से किया जागरूक
वहीं, कैमूर के फाइन आर्ट छात्र अमरीश ने बताया कि ग्रामीणों क्षेत्र में फ्री पेंटिंग क्लास का संचालन शुरू से करतें आ रहें है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की मुहिम के बाद उन्होंने भी पर्यावरण को बेहतर बनाने में अपना योगदान देना चाहा. लेकिन उन्हें पेंटिंग के सिवाय कुछ नहीं आता था. अमरीश ने कहा कि जिसके बाद उन्होंने न सिर्फ बच्चों को फ्री पेंटिंग सिखाया बल्कि लोगों को प्लास्टिक के प्रति जागरूक करने का माध्यम भी बनाया.

समाजिक परिवनर्तन का बेजोड़ नमूना
हालांकि कैमूर के इन छात्रों का प्रयास भले ही देखने मे छोटा है. लेकिन जिस तरह से यह बच्चे प्लास्टिक के प्रति जागरूक है और समाज में परिवर्तन को ललायित है. यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बच्चों का योगदान सराहनीय है और सामाजिक परिवर्तन का एक बेजोड़ नमूना है.

पेंटिंग सीखाते शिक्षक
Last Updated : Mar 6, 2020, 4:40 PM IST

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