कैमूर: जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के ईदगहिया के वार्ड-1 के आंगनबाड़ी केंन्द्र का संचालन पिछले 7 सालों से नहीं किया जा रहा है. साल 2003 में खुले इस आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन 2012 तक बिल्कुल सही तरीके से हुआ. लेकिन 2012 में इस केंद्र की सहायिका ने रिजाइन कर दिया. जिसके 7 साल बाद भी जिला प्रशासन ने यहां सहायिका की बहाली नहीं की है. इस वजह से बच्चों की पढाई भी अच्छे से नहीं हो पाती है.
बच्चों को पोलियों का ड्राप पिलाती सेविका प्रेग्नेंट महिलाओं को 7 सालों से नहीं मिली कोई सुविधा
यही नहीं केंन्द्र पर प्रेग्नेंट महिलाओं को भी पिछले 7 सालों से कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है. नौकरी गंवाने के डर से केंद्र की सहायिका मोनगा देवी ने खुद से बच्चों को बिस्कुट खिलाकर कुछ वर्षों तक केंद्र का संचालन किया. लेकिन सहायिका के जाने के बाद कोई सुविधा नहीं मिलने की वजह से बच्चों ने यहां आना छोड़ दिया. इसके साथ ही प्रेग्नेंट महिलाओं को सुविधा नहीं मिलने की वजह से ये पूरी तरह से बंद हो गया, हालांकि इस केंद्र पर सेविका आज भी बच्चों को पोलियों का ड्राप पिलाती है.
केंद्र को अस्थाई रूप से किया गया बंद
सेविका ने बताया कि केंन्द्र 2012 से बंद है. जिसके बाद एओ अपने स्तर से यहां बच्चों को शिक्षा देती थी. लेकिन विभाग की तरफ से कुछ उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां पर खाना बंद हो गया. जिसकी वजह से इस केंद्र पर बच्चों का आना भी बंद हो गया. उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंट महिलाओं को भी सरकारी लाभ दिया जाता था. लेकिन पिछले 7 वर्षों से इस केंद्र पर कोई सरकारी लाभ न तो बच्चों को मिलता है, न ही किसी प्रेग्नेंट महिला को. जिसकी वजह से इसे अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया. अब जब सहायिका की बहाली होगी, तब केंद्र का संचालन सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा.
सरिता देवी, स्थानीय निवासी क्या कहते हैं ग्रामीण
वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र का संचालन नहीं होने से सबसे पहले तो बच्चों को परेशानी है. छोटे बच्चों को शुरुआती शिक्षा नहीं मिल पाती है. तो दूसरी तरफ सबसे अधिक परेशानी प्रेग्नेंट महिलाओं को है. केंन्द्र पर प्रेग्नेंट महिलाओं को सरकार की तरफ से बहुत सुविधा उपलब्ध है. लेकिन सहायिका के न होने के कारण 7 वर्षों से यहां की प्रेग्नेंट महिला और छोटे बच्चे सरकारी लाभ से वंचित हैं.
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आईसीडीएस की डीपीओ रश्मि कुमारी ने बताया केंद्र पर सहायिका के लिए दो बार आमसभा का आयोजन किया गया था. लेकिन विवाद की वजह से कुछ नहीं हो सका. आगामी 25 सितंबर को एसडीओ भभुआ के नेतृत्व में फिर आमसभा बुलाई गई है. जिसमें सहायिका का चयन किया जाना है. उन्होंने फिलहाल तत्काल कार्रवाई करते हुए केंन्द्र को दूसरे नजदीकी केंद्र से टैग करने की बात कही है. ताकि बच्चों की पढ़ाई शुरू हो सके और प्रेग्नेंट महिला और बच्चों को सरकारी लाभ मिल सके.