कैमूर: बिहार के कैमूर में मनरेगा योजना के तहत करोड़ों रुपये का गबनहुआ है. इस बात की जानकारी देते हुए जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने डीडीसी के खिलाफ कई तरह से सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि मनरेगा योजना के तहत अवैध रूप से पैसा निकासी करने के लिए निविदा रद्द वेंडरो से सामानों की खरीद की गई है. उन्होंने बताया कि जल जीवन हरियाली के लिए मनरेगा योजना के तहत सामग्रियों की लेन देन गलत तरीके से की गई है. ताकि अधिक से अधिक राशि की निकासी की जा सके.
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जिप सदस्य ने लिखा पत्र: इस मामले पर जिला परिषद सदस्य विकास सिंह ने जिले के डीडीसी डॉ गजेंद्र प्रसाद सिंह पर इन सारे रूपयों के गबन का आरोप लगाया है. इसके साथ ही गलत तरीके से राशि के गबन मामले में जांच के लिए उन्होंने जिला पदाधिकारी, मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग, आयुक्त ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा है. एक अलग मामले में जिले के चैनपुर प्रखंड में मनरेगा के द्वारा चयनित वेंडरों को 346 रुपए की जगह 400 रुपये की दर से भुगतान किया गया. उस मामले में भी मनरेगा के अधिकारियों को विभाग ने तलब किया है.
रुपयों की हेराफेरी का आरोप:जिप सदस्य विकास ने बताया कि दिनांक 11 अगस्त 2022 को विभाग के द्वारा तकनीकी निविदा खोलकर गैबियन का दर 346 रुपए निर्धारित किया गया. उसके बाद चैनपुर में 400 रुपये के रेट से करोड़ों रुपये का भुगतान सरकारी राशि से किया गया. इन सारे घोटालों की जिम्मेवारी जिले के डीडीसी का है. आखिरकार उन्होंने अभी तक राशियों की रिकवरी क्यों नहीं की..? उन्होंने इस मामले में जांच पड़ताल के लिए राज्यस्तरीय कमिटी गठित करने की मांग की है. जिसमें सदस्य के रूप में वे भी रहें. जिससे की जिले के वित्तीय नियमों के विरुद्ध काम करने और लूट-खसोट मचाने के लिए मामले को उजागर किया जा सके.