कैमूर:जिले के भभुआ विधानसभा क्षेत्र के आखिलासपुर गांव ने अब तक 5 विधायक दिए हैं. लेकिन विधायकों का यह गांव आजादी के 73 सालों बाद भी बदहाल है. इस गांव में अब तक जो विकास होना चाहिए था वह नहीं हो पाया है, जिसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है.
आखिलासपुर गांव ने दिए 5 विधायक
जिला मुख्यालय भभुआ से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद आखिलासपुर गांव की आबादी 5 हजार से अधिक है. विधानसभा के इस गांव ने जनप्रतिनिधि, वार्ड सदस्य से लेकर मुखिया, सरपंच, बीडीसी सब दिए है, लेकिन फिर भी इस गांव की रूपरेखा नहीं बदल सकी है.
गांव में है गंदगी की भरमार
गांव में प्रवेश करने से ही पता चलता है कि गांव में कितनी गंदगी है. गांव में सड़क के दोनों तरफ जहां-तहां गंदगी देखने को मिल जाती है. गांव में प्रवेश करने से पहले मुंह पर रुमाल बांधना पड़ता है. इतना ही नहीं इस गांव में जल निकासी की भी समस्या काफी देखने को मिलती है. बरसात के मौसम में ठेहुना भर सड़कों पर पानी पसर जाता है.
वहीं, गांव में प्रवेश करने के लिए चहुमुखी रास्ता है, लेकिन फिर भी आसानी से इस गांव में प्रवेश नहीं किया जा सकता है.
गांव की बुनियादी समस्या जस की तस
ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव ने आज तक कई जनप्रतिनिधि, वार्ड सदस्य से लेकर मुखिया, सरपंच, बीडीसी दिए है पर आज तक इनमें से कोई भी गांव की बुनियादी समस्याओं का निदान नहीं कर पाया है. ग्रामीणों ने कहा कि यहां शिक्षा की बहुत कमी है. गांव में स्कूल तो है, लेकिन शिक्षक मनमर्जी रूप से स्कूल में आते हैं और बच्चों को ठीक से भी नहीं पढ़ा पाते हैं.