जहानाबाद: कहते हैं कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता और सफलता की मेहनत के सिवा कोई कुंजी नहीं होती. मेहनत और दृढ़ता की कुछ ऐसी ही कहानी जहानाबाद के जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित मोहनपुर गांव से सामने आई है. आइये जानते विस्तार से...
अगरबत्ति बनाता गरीब परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहे लोग
मोहनपुर गांव में भी लॉकडाउन का सन्नाटा है और लोग कोरोना के खौफ से घरों में दुबके हैं. ऐसे में परिवार चलाने की मुश्किल एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में इस गांव की महिलाएं और बच्चियां अगरबत्ती बनाकर तब परिवार पाल रही हैं जब घर के ज्यादातर कमाऊ सदस्य बेरोजगार हो चुके हैं.
कम आमदनी में नहीं हो रहा गुजारा
अगरबत्ती बना रहीं शबनम कुमारी बताती हैं कि मेरे परिवार के लोग दूसरे राज्य में काम करते थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से गांव आ गए. उनके आने के बाद आमदनी का कोई माध्यम नहीं रहा. इसलिए हमें अगरबत्ती बनाने का काम शुरू करना पड़ा. लेकिन इसकी आय परिवार के खर्च को वहन करने के लिए काफी नहीं है. इस आमदनी में भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है. इन महिलाओं की मांग है कि सरकार इन्हें कोई रोजगार मुहैया कराए जिसका उचित मानदेय हो ताकि इनके परिवार का गुजारा हो सके.
अगरबत्ति बनाकर काट रही जिन्दगी क्या कहते हैं DM?
इस मामले में जिला अधिकारी नवीन कुमार बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं और अन्य शहरों से लौटकर घर आ गए हैं. इन दिनों परिवार की हालत काफी खस्ता है तो तंगहाली में महिलाओं ने जिम्मेदारियों का बीड़ा उठा लिया है. वहीं डीएम ने कहा इनलोगों को कार्यालय में बुलाकर सरकार की तरफ से रोजगार मुहैया कराए जाने की सांत्वना दी है.