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28 सालों से बंद पड़ा है जहानाबाद का एकमात्र टेनरी उद्योग, पलायन को मजबूर बेरोजगार - jehanabad news

राजद नेता शशि रंजन ने कहा कि सरकार कहती है कि हम रोजगार दे रहे हैं. अगर सरकार रोजगार देती, तो हमारे यहां के युवक किसी दूसरे राज्य में जाकर काम नहीं करते. यहां पर रोजगार के लिए कोई साधन है ही नहीं जो यहां पर युवक रोजगार कर सके.

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Published : Mar 1, 2020, 11:32 AM IST

जहानाबादः भले ही सूबे में रोजगार को लेकर यात्रा और राजनीति शुरू हो गई है. लेकिन जहानाबाद के मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर स्थित निजामुद्दीनपुर में रोजगार मुहैया कराने वाला एकमात्र टेनरी उद्योग सरकारी उदासीनता के कारण पिछले 28 सालों से बंद पड़ी है.

टेनरी उद्योग 28 वर्षों से बंद
राष्ट्रीय मार्ग संख्या 110 पर निजामुद्दीन पूर्व में स्थित औद्योगिक प्रांगण में नक्सल प्रभावित जिले में बेरोजगार युवकों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से चमड़ा फैक्ट्री की स्थापना हुई थी. 1985 में तत्कालीन उद्योग मंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने इसका उद्घाटन किया था. उद्घाटन के बाद कुछ सालों तक सरकार की ओर से इसे तैयार किया जाता था और चमड़े से जूता, चप्पल, बेल्ट और पर्स भी बनाए जाते थे. लेकिन 1992 में सरकार की उदासीनता और स्थानीय लोगों के विरोध के कारण फैक्ट्री बंद हो गई.

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फैक्ट्री के बंद होने से युवक हो गए बेरोजगार
वहीं, समाजसेवी और राजद नेता शशि रंजन उर्फ पप्पू बताते हैं कि जब इस फैक्ट्री का शुरुआत हुई थी, तो कई बेरोजगार युवकों को उस समय इस फैक्ट्री में रोजगार मिला था और बहुत बढ़िया से फैक्ट्री चल रहा था. लेकिन सरकार और कुछ लोगों की वजह से यह फैक्ट्री आज बंद हो गया. जिसकी वजह से कई रोजगार युवक बेरोजगार हो गए और यहां से दूसरे जगह रोजगार के लिए चले गए हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि अगर यह फैक्ट्री सरकार के देखरेख में और अच्छे से चलता, तो जो युवक यहां से गए है, वह नहीं जा पाते.

फैक्ट्री का भवन जर्जर
वहीं, स्थानीय निवासी बैकुंठ यादव बताते हैं कि फैक्ट्री से कई चमड़े से सामानों का उत्पादन होता है, पर फैक्ट्री को बंद होने से कई युवक बेरोजगार हो गए. हालात अब यह है इस फैक्ट्री का जो भवन है वह जर्जर हो चुका और इसके अंदर जो मशीनें थी वह चोरों ने चुरा लिया. आज स्थिति यह है कि पूरा भवन भूत बंगला जैसा दिख रहा है और उसके पूरा कैंपस जंगल जैसा दिखता है.

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