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लॉकाडाउन में रोजगार छिनने वालों के लिए 'संजीवनी' साबित हो रहा मनरेगा

इस संबंध में डीएम नवीन कुमार ने बताया कि बाहर से आए मजदूरों को रोजगार के लिए सरकार की ओर से लागू योजनाओं का जमीनी स्तर पर लागू करा कर उन्हें रोजगार दिया जा रहा है.

जहानाबाद
जहानाबाद

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Published : May 13, 2020, 10:14 AM IST

Updated : May 13, 2020, 11:48 AM IST

जहानाबाद: बिहार में मजदूरों के वापस आने का सिलसिला लगातार जारी है. वापस आ रहे मजदूरों के साथ ही बिहार सरकार के सामने सभी मजदूरों के लिए रोजगार देने की बड़ी चुनौती है. लेकिन जहानाबाद जिला प्रशासन वापस आए सभी मजदूरों के रोजगार को लेकर मुकम्मल व्यवस्ता कर रही है.

'मनरेगा के तहत दिया जाएगा रोजगार'
इस संबंध में जिला अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि बाहर से आए मजदूरों को रोजगार के लिए सरकार के द्वारा लागू योजनाओं का जमीनी स्तर पर लागू कर उन्हें रोजगार दिया जाएगा. जो मजदूर बाहर कार्य कर रहे थे, उन्हे उनके स्किल के आधार पर भी रोजगार देने की योजना बनाई जा रही है. मजदूरों के बच्चे का स्कूल में एडमिसन करवाया जाएगा.

मनरेगा में काम कर रहे मजदूर

'लॉकडाउन ने छिना रोजगार'
वहीं, बाहर से आए हुए मजदूरों ने बताया कि दूसरे राज्यों में हम काम कर रहे थे. लॉकडाउन के वजह से काम बंद हो गया था. जिस वजह से हमलोग बेरोजगार हो गए. गांव में आने के बाद पर जिला प्रशासन ने आलांउस करवा कर हमलोगों को मनरेगा में काम दिया है. वहीं, मुखिया संघ के अध्यक्ष हीरालाल यादव ने कहां बाहर से आए मजदूरों को रोजगार दिया गया है. जिला प्रशासन के द्वारा अलाउंस करके जानकारी दी गई. मनरेगा के तहत कार्य दिया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में काम कर रहे मजदूरों का काम बंद हो गया था. जिसके बाद सभी मजदूर बेरोजगार हो गए थे और अपने गांव लौट आए थे. वापस आए मजदूरों को बिहार सरकार के बंद पड़े योजनाओं को शुरू कर रोजगार दिया जा रहा है. जिला प्रशासन जहानाबाद के मुताबिक जिले में वापस आए 20 हजार मजदूरों में से 15,000 मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया गया है.

प्रवासी मजदूर
Last Updated : May 13, 2020, 11:48 AM IST

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