जमुईः बिहार के सरकारी अस्पताल का हाल ये है कि मरीजों को ना जिंदा में एम्बुलेंस मिलता है न मरने के बाद. एम्बुलेंस के इंतजार में मरीज दम तोड़ देते हैं और परिजन मौत के बाद भी घंटों गाड़ी मिलने के इंतजार में बैठे रहते हैं. यह हाल बिहार के तकरीबन सभी जिला अस्पतालों का है.
रो-रोकर परिजन ने सुनाया सारा हाल
ताजा मामला जमुई के सदर अस्पताल का जहां जिंदा रहते एक महिला मरीज को दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली और उसकी मौत हो गई. मौत के बाद शव को घर ले जाने के लिए भी परिजन सुबह से शाम तक असपताल में बैठे रहे लेकिन उन्हें अस्पताल प्रशासन एम्बुलेंस मुहैय्या नहीं करा सका. ईटीवी भारत की टीम जब अस्पताल पहुंची तो परिजन का ये हाल देखा. कैमरे के सामने महिला की सास और पति ने रो-रोकर सारा हाल सुनाया.
'काफी कहने के बाद डॉक्टरों ने देखा'
जमुई के खैरा प्रखंड के चौकीटांड़ की एक गरीब महिला शहजादी खातून को उसके पति शहादत अंसारी और सास इलाज के लिए 7 बजे सुबह लेकर आए थे. पेशे से मजदूर पति किसी तरह गांव में चंदा करके रिशतेदारों के साथ अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा था. परिजन महिला की सास रबिया खातून और पति शहादत अंसारी ने रोते हुए बताया काफी कहने के बाद डॉक्टर देखने के लिए लगभग 8.30 बजे आए और रेफर का चिट्ठा बना दिया.