जमुईः ट्विटर पर वायरल तथाकथित नाबालिग दुल्हन सामने आई है. उसने खुद को बालिग बताते हुए अपना आधार कार्ड भी जारी किया है. लड़की ने सोशल मीडिया यूजर्स से अपील करते हुए कहा कि उसे और उसके परिवार को बदनाम नहीं किया जाए. सवाल ये है कि प्रशासन उस व्यक्ति पर कब कार्रवाई करेगा जिसने ये अफवाह ट्वीट के जरिए उड़ाई थी. एक ट्वीट से नई नवेली दुल्हन के जीवन में एक अजीब सा मोड़ आ गया.
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लड़की ने वीडियो जारी करते हुए कहा 'हमारी शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से हुई है. मेरी जन्म तिथि एक जनवरी 2002 है. हमारे बारे में सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है. लोग मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करना बंद करें.'
दरअसल, शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर नव विवाहित जोड़े की एक तस्वीर वयारल हुई. जिसके बारे में बताया गया कि लड़की के गरीब माता-पिता ने मजबूरी में 8 साल की नाबालिग की शादी 28 साल के युवक के साथ करा दी. पूरा मामला नवादा जिले का बताया जा रहा था.
जिसके बाद नवादा प्रशासन हरकत में आया. छानबीन में प्रशासन को पता चला कि लड़की नवादा के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत मंजौर की रहने वाली है. जिसके बाद एसडीएम दलबल के बाद मंजौर गांव पहुंचे. जहां उन्हें पता चला कि लड़की शुरू से अपनी मां के साथ जमुई के सिकंदरा थाना क्षेत्र के अकौनी गांव स्थित ननिहाल में रहती है और उसके पिता दूसरे राज्य में मजदूरी करते हैं. लोगों ने प्रशासन को बताया कि लड़की की शादी करीब डेढ़ महीने पहले ननिहाल से हुई है और उसकी उम्र 19 साल से अधिक है.
लड़की की शादी एक माह शेखपूरा जिले के वर्षा गांव के सतीश सिंह के पुत्र सोनू कुमार के साथ हुई है. यह शादी लखीसराय जिले के अशोक धाम मंदिर में संपन्न हुई थी. लड़की फिलहाल अपने ससुराल में हैं.