जमुई:बिहार केजमुई के लाल विक्की कुमार पांडेयशौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया है. इसके लिए वीरता के लिए सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है. बरहाट प्रखंड के मलयपुर गांव निवासी विक्की कुमार पांडेय सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शौर्य चक्र प्रदान किया है. झारखंड में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान अदम्य साहस का परिचय देने के लिए विक्की पांडेय को यह सर्वोच्च सम्मान दिया गया. मंगलवार देर शाम राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट विक्की कुमार पांडेय को शौर्य चक्र मेडल प्रदान किया. विक्की कुमार पांडेय को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र मिलने के बाद उनके परिवार और गृह गांव मलयपुर में खुशी की लहर है.
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भाई के लिए बने प्रेरणा का स्रोत:विक्की पांडे के पिता रमाकांत पांडे बिहार के पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर हैं. उनका कहना है उनके बेटे विक्की को जो पहचान मिली है, वह स्थानीय युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. वहीं वीरता के लिए शौर्य चक्र पुरस्कार प्राप्त करने के बाद उनके छोटे भाई अंकित कुमार का कहना है कि पूरे जिले में इससे खुशी की लहर दौर गई है. वह हमारे प्रेरणा स्रोत हैं उन्हें ही देखकर मैं आज प्रशासनिक सेवा के लिए तैयारी कर रहा हूं. बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 2009 में दी गई परीक्षा पास करने के बाद विक्की कुमार पांडेय सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट नियुक्त किए गए. उन्हें फिलहाल जमशेदपुर में ग्रुप सेंटर में नियुक्त किया गया है.
4 किलोमीटर तक किया नक्सलियों का पीछा: बता दें कि 15 जुलाई 2021 को झारखंड के गुमला में कोबरा कमांडो और नक्सलियों के बीच भीषण लड़ाई हुई थी. विक्की पांडे अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे. कोबरा कमांडो और नक्सलियों के बीच खूनी संघर्ष में 15 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली बुद्धेश्वर उरांव मारा गया था. विक्की पांडे ने गुमला के घने जंगलों से करीब 4 किलोमीटर तक नक्सलियों का पीछा करना जारी रखा, जिससे नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ था.