जमुई:जमुई के चकाई एसबीआई बैंकलूटकांड में शामिल दो अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया (Two arrested in Jamui bank robbery) है. दोनों के पास से 46 हजार 8 सौ रुपये और एक देसी कट्टा बरामद किया. जमुई एसपी डॉ शौर्य सुमन ने बैंक लूटकांड में चौकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि अपराधियों को 50 लाख रुपये बैंक लूट के समय मिलने की उम्मीद थी. कम पैसा मिलने से निराशा थे. सभी अपराधी फिर दूसरे बैंक लूटने की योजना बना रहे थे.
ये भी पढ़ें: जमुई में CSP संचालक से लूट, पेट में पिस्टल सटाकर बोला लुटेरा- बैग उतारो नहीं तो ठोक देंगे
सीसीटीवी कैमरे से मिली मदद:एसपी डॉ शौर्य सुमन ने बताया कि लूटकांड बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी. जिसकी मदद से छापेमारी के दौरान चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र के विशनपुर गांव से लूट के 46 हजार 8 सौ रुपये और एक देसी कट्टा के साथ दोनों को गिरफ्तार किया. दोनों अपराधियों की पहचान रंजीत दास और रणवीर सिंह उर्फ पप्पू सिंह के रूप में की गई. दोनों अपराधियों ने बैंक लूटकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. कांड में शामिल अन्य अपराधियों का नाम बताया है.
लूटपाट कर भाग गये गिरिडीह:उन्होंने बताया कि लूटकांड के पहले अपराधी लगातार संपर्क में थे. बैंक की रेकी कर रहे थे. लूट की घटना को अंजाम देने के बाद गिरिडीह की ओर भाग गए थे. गिरफ्तार दोनों शातिर अपराधी हैं. पूर्व में बांका और हजारीबाग में बैंकलूट कांड में जेल भी जा चुके हैं. 18 अप्रैल को जमुई के चकाई थाना क्षेत्र के चकाई बाजार में स्थित एसबीआई बैंक से पांच अपराधियों ने दिनदहाड़े 3 लाख 15 हजार 5 सौ 20 रुपये और 479 ग्राम सोना लूट लिया था.
50 लाख रुपये बैंक में मौजूद होने की उम्मीद थी :गिरफ्तार लुटेरों ने बताया लूट के बाद दोनों गिरफ्तार को 60-60 हजार रुपये हिस्सा मिले. उम्मीद से कम पैसे की लूट हुई. लूटा गया सोना बेचकर उस रुपये से हथियार खरीदकर अपराधी दुमका सेंट्रल बैंक लूटने की योजना बना रहे थे.
झारखंड और बिहार में छापेमारी:मामले को लेकर एसबीआई शाखा प्रबंधक ने लिखित आवेदन दिया. घटना के तत्काल बाद जमुई एसपी डॉ शौर्य सुमन भी मौके पर पहुंच खुद जांच पड़ताल शुरू कर दी थी. एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ जमुई डॉ राकेश कुमार के नेतृत्व में एक अनुसंधान-सह-छापेमारी दल का गठन किया गया था. जो झारखंड के देवघर,गिरिडीह, हजारीबाग, पलामू, चतरा और बिहार के गया जिला और अन्य स्थानों पर लगातार छापेमारी की जा रही थी.