जमुई:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत देश के हर जिले में शौचालय बनवाने की बात गाहे-बगाहे अक्सर सुनने को मिल ही जाती है. हालांकि, इससे उलट जिले में एक ऐसा भी गांव है. जहां, एक भी शौचालय नहीं है. हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर सिझौड़ी पंचायत स्थित बाली गांव की. गांव की हालत कुछ ऐसी है कि यहां किसी के पास राशनकार्ड, जॉब कार्ड और जनधन खाता भी नहीं है. अन्य सरकारी सहायता और विकास योजनाओं की तो बात करना ही बेईमानी है.
स्वच्छ भारत मिशन को ठेंगा दिखा रहा जमुई का यह गांव, आज भी नहीं है किसी घर में शौचालय - There is not a single toilet in village
जमुई सिझौड़ी पंचायत के बाली गांव के स्थानीय सुबोध चौधरी ने बताया कि यहां आज भी किसी घर में सरकारी नल और शौचालय नहीं है. उन्होंने बताया कि गांव में किसी के पास खेती लायक उपयुक्त जमीन नहीं है. मजबूरन अधिकतर लोग बिहार के बाहर अन्य राज्यों में मेहनत मजदूरी करते थे.
सिझौड़ी पंचायत के बाली गांव के स्थानीय सुबोध चौधरी ने बताया कि यहां आज भी किसी घर में सरकारी नल और शौचालय नहीं है. उन्होंने बताया कि गांव में किसी के पास खेती लायक उपयुक्त जमीन नहीं है. मजबूरन अधिकतर लोग बिहार के बाहर अन्य राज्यों में मेहनत मजदूरी करते थे. वहीं, कोरोना संक्रमण की वजह से जारी लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण गांव के लगभग 500 लोग वापस लौट आएं हैं.
'गांव के लिए नहीं है कोई सरकार'
सुबोध चौधरी ने हताश होकर आगे बताया कि जब हम बाहर से अपने घर लौटे तब क्वारंटाइन सेंटर में हमलोगों को कोई सुविधा नहीं मुहैया कराया गया. यहां गांव में आकर हमारी परेशानी पूछने का जद्दोजहद कौन करेगा. सुबोध ने कहा कि इस गांव के लिए कोई सरकार नहीं है. अगर हमारे लिए कोई सरकार होती तब स्थानीय लोगों को काम और सरकारी सहायता के अभाव में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता.