जमुई:बिहार के जमुई पहुंचे बिहार विधान परिषद मेंविपक्ष के नेता सम्राट चौधरी (Leader Of Opposition Samrat Chowdhary) ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर जमकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार अप्रासांगिक हो चुके हैं. बिहार में सुशासन खत्म हो चुका है. उनके पास अब वोट भी नहीं बचा. इस व्यक्ति ने सात बार पार्टी बदली और पांच बार गठबंधन बदला. बिहार में शराब माफिया की पैरलल सरकार चल रही है. बालू माफिया का पुलिस से गठजोड़ है, लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त हो चुका है. जमुई परिसदन पहुंचे भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बिहार सरकार पर करारा हमला बोला.
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सम्राट चौधरी ने CM नीतीश कुमार पर साधा निशाना :विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर हमला बोला. उन्होंने शराब, बालू, लॉ एंड ऑर्डर और नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार पर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि ये बातें लोगों को बता रहे हैं. सत्र शुरू होते ही विधानसभा और विधान परिषद में सरकार से इसके बारे में सवाल पूछेंगे. आगे कहा कि यहां तीन चीजों का गठजोड़ दिखता है. बिहार के बॉर्डर के जितने भी जिले हैं, वहां शराब माफिया का राज बना हुआ है. पूरे जमुई जिले में तो बालू माफिया का गुंडाराज चल रहा है. लॉ एंड ऑर्डर फेल हो चुका है.
'पूरे बिहार में ये लोग लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं. प्रभु श्री राम के मंदिर की स्थापना पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने की. इसलिए लव-कुश अब वहीं चले गए, जहां राम की पूजा होगी. लव-कुश की भी पूजा वहां होगी. लव-कुश समीकरण पर जनता दल युनाइटेड बनी थी. लेकिन अब वहां लव-कुश भी नहीं रहे.इसलिए नीतीश कुमार का वोट बैंक खिसक चुका है. अब बिहार में नीतीश कुमारअप्रासंगिक हो गए हैं. लालू-राबड़ी के 15 साल के राज में मात्र 95 हजार की नियुक्ति हुई और लगभग 13 वर्ष तक भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से एनडीए की सरकार चली. उसमें 6 लाख 76 हजार लोगों को हमने सीधे सरकारी नौकरी दी.'- सम्राट चौधरी, विपक्ष के नेता, बिहार विधान परिषद
सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर कसा तंज :पूर्व पंचायती राज मंत्री सह भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि हम अपने मंत्री रहते 15 जुलाई को ही सबकी पोस्टिंग कर दिऐ थे. सब ट्रेनिंग में चले गए, सबने जिले में योगदान दे दिया. अब ये लोग 6 महीना के बाद जगे हैं कि उनको नियुक्ति पत्र देना है. उस समय 11329 कर्मचारियों की बहाली कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा की गई थी. अब जब तेजस्वी यादव ने देखा की मेरे पास कोई काम नहीं है तो इन लोगों ने फर्जीवाड़ा करके गलत ढंग से नियुक्ति पत्र देने का काम किया. विधानसभा और विधान परिषद का सत्र शुरू होने वाला है, हमलोग पुछेंगे की बताओ, कौन सा विज्ञापन निकाला, कौन बहाली किया और कौन करने वाले हैं ये सब.