जमुई:नेम निष्ठा का छठ पूजा त्योहार नजदीक आ रही है. ऐसे में चकाई का नवा आहार सिर्फ तालाब ही नहीं ग्रामीणों के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक रुप से धरोहर है. यहां के लोगों के लिए इस तालाब का एक अलग महत्व है. यह अलग बात है कि धार्मिक और सांस्कृतिक रुप से इस तालाब पर राजनीतिक रुप से ग्रहण लगता रहा है.
अब तक नहीं हुआ नवा आहार का सौंदर्यीकरण
दरअसल, पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से नवा आहार के सौंदर्यीकरण का वायदा पूरा नहीं हुआ है. बीते तीन चुनावों से इस तालाब के सौंदर्यीकरण का मामला मुद्दा बनकर रह गया है, लेकिन अब तक सौंदर्यीकरण की बात तो दूर साफ-सफाई तक भी नहीं हुई. प्रत्येक साल छठ पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.
क्या कहते पप्पू साह
पूजा समिति के अध्यक्ष पप्पू साह ने बताया कि नवा आहार तालाब में 1997 से सार्वजनिक छठ पूजा समिति के बैनर तले भगवान भास्कर सहित विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती हैं. साथ ही पांच दिवसीय गोशाला मेला का आयोजन किया जाता है. वहीं, आहार के धार्मिक रूप को और गति प्रदान करने के लिए पिछले कुछ समय से भगवान सूर्य मंदिर का निर्माण कार्य जारी है.
इसके साथ ही नवा आहार तट पर श्री राम दरबार, राधा कृष्ण ठाकुरबाड़ी, शिव पार्वती मंदिर, नवग्रह मंदिर इस तालाब की धार्मिक महत्ता को और बढ़ा देता है. यहां साल भर धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते रहे है. इसके बाबजूद भी वर्तमान समय में तालाब में गंदगी और कूड़े कचरे का अंबार लगा हुआ है. तालाब में जलकुंभी और कीचड़ के कारण तालाब का पानी काफी प्रदूषित हो गया हैं.
जनप्रतिनिधियों ने इस और ध्यान नहीं दिया
स्थानीय लोगों की माने तो चुनाव के दौरान सभी ने नवा आहार के सौंदर्यीकरण की बात कही, लेकिन चुनाव जीतने के बाद किसी ने ईमानदारी से प्रयास नहीं किया. पिछले लोकसभा चुनाव के समय भी सांसद चिराग पासवान ने खुद नवा आहार का निरीक्षण कर सौंदर्यीकरण का अस्वाशन दिया जो पूरा नहीं हुआ. करीब 10 साल पहले तत्कालीन विधायक स्व.फाल्गुनी प्रसाद यादव ने सौंदर्यीकरण कार्य के तहत दक्षिणी घाट पर निर्माण कराया गया था, लेकिन उनकी मौत के बाद फिर किसी जनप्रतिनिधियों ने इस और ध्यान नहीं दिया गया. हालांकि वर्तमान विधायक सावित्री देवी ने नवा आहार तट पर एक हाई मास्ट लाइट जरूर लगवाई है.