मोबाइल टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन जमुई: बिहार में हेल्थ सिस्टम के बेहतर होने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. मरीजों को कोई परेशानी ना हो इसके समुचित इंतजाम के दावे भी सरकार करती है लेकिन ये तमाम बातें जमुई सदर अस्पताल में फेल साबित हो जाती हैं. यहां से अक्सर ऐसी तस्वीरें निकलकर सामने आती हैं, जो स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के दावों को खोखला साबित करती हैं. ऐसा ही एक और मामला रविवार को सदर अस्पताल से सामने आया है. पांच घंटे तक बिजली गुल रही जिसके चलते मोबाइल की रोशनी में मरीज का ऑपरेशन करना पड़ा.
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मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीज का ऑपरेशन: जमुई जिले का सदर अस्पताल अपने नए-नए कारनामों के कारण सुर्खियों में रहता है. हमने सदर अस्पताल की बदहाली की कई कारनामे पहले भी आपको बताए हैं. अब एक और कारनामे का वीडियो सामने आया है जहां, मरीज का ऑपरेशन टॉर्च की रोशनी में हो रहा है. मिल रही जानकारी के अनुसार लगभग पांच घंटे तक अस्पताल की बिजली गुल रही. मोबाइल की रोशनी के सहारे मरीज और उसके परिजन रहे. साथ ही इलाज और ऑपरेशन भी मोबाइल और टॉर्च की रोशनी में हुआ. वहीं अस्पताल प्रबंधक रमेश कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो प्रबंधक ने कहा कि कुछ टेक्निकल फॉल्ट हुआ होगा.
मिस्त्री लगाकर काम कर रहा है. इमरजेंसी के लिऐ कुछ व्यवस्था है लेकिन थोड़ी ज्यादा देर तक बिजली कटी रहने के कारण बैटरी भी फेल हो गयी. यह लापरवाही नहीं टेक्निकल चीज है. खराबी कभी भी हो सकती है."- रमेश कुमार,अस्पताल प्रबंधक, जमुई सदर अस्पताल
जमुई सदर अस्पताल का हाल बेहाल:जमुई सदर अस्पताल से संसाधनों की कमी की कई तस्वीरें सामने आती रहती हैं. मरीजों का कहना है कि यहां व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है. डॉक्टरों की कमी से भी अस्पताल जूझता रहता है. वहीं घंटों बिजली गुल रहने से कई बार इस तरह से हालात उत्पन्न होते हैं. सबसे बड़ी आश्चर्य की बात है कि आजतक इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकल सका है.