पटनाः स्वर्ण पदक विजेता, अर्जुन अवार्ड से सम्मानित श्रेयसी शूटिंग के दुनिया में नाम कर चुकी हैं. नेशनल और इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में प्रतिद्वंदियों के दांत खट्टे कर दिए हैं. अब वे जमुई के मैदान में हैं. जमुई विधायक बनने के बाद उनसे ईटीवी भारत ने जानना चाहा कि क्या अब लोग उन्हें शूटिंग रेंज में देखेंगे या अब वे सिर्फ जनता का प्रतिनिधित्व करेंगी.
राजनीति और खेल जगत में है काफी अंतर
विधायक बनने के बाद श्रेयसी सिंह की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं. उनके पास अब समय भी काफी कम रहता है. श्रेयसी सिंह ने बताया कि राजनीतिक जगत और खेल जगत में काफी अंतर है. अभी दोनों को साथ लेकर चलने में काफी कठिनाई है. लेकिन खेल और राजनीति जगत में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाऊंगी. खेल के साथ राजनीति में भी अपनी सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करूंगी. इसका मैंने प्रण लिया है.
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शूटिंग और प्रतिनिधित्व दोनों पसंद करते हैं लोग
मैं दोनों क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की कोशिश करूंगी. दोगुना मेहनत करूंगी. क्योंकि कोई भी बिहारवासी और भारतवासी यह नहीं चाहेंगे कि मैं शूटिंग छोड़ दूं. जमुई वासी यह नहीं चाहेंगे कि मैं उनका प्रतिनिधित्व करना छोड़ दूं. मैं दोनों ही फील्ड में बेहतर प्रदर्शन करूंगी. राजनीति में आने के कारण ट्रेनिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. स्किल ट्रेनिंग के लिए दिल्ली जाना पड़ता है. जिसमें फिलहाल थोड़ी परेशानी हो रही है. लेकिन फिजिकल फिटनेस और मेंटल ट्रेनिंग में पूरा ध्यान दे रही हूं. लगातार प्रैक्टिस भी जारी है.
न्यूट्रिशन ट्रेनिंग का भी बखूबी ख्याल रख रही हैं
श्रेयसी ने कहा, न्यूट्रिशन ट्रेनिंग सहित कई ऐसी जरूरी चीजें हैं, जो एक एथलीट्स के लिए बेहद जरूरी है. मैं सभी का बखूबी ख्याल रख रही हूं. जमुई और पटना में रहकर इन सभी चीजों का ध्यान रखा जा रहा है. समय-समय पर दिल्ली जाकर भी जो कमी रह रही है, उसे पूरा किया जा रहा है. बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में काफी चेंजिंग टाइम आ रहा है. खेल में पहले कहा जाता था कि 'पढ़ेंगे लिखेंगे बनेंगे नवाब, खेलेंगे कूदेंगे होंगे खराब'. लेकिन अब कहा जा रहा है, 'पढ़ेंगे लिखेंगे बनेंगे नवाब, खेलेंगे कूदेंगे तो बनेंगे सहवाग'. अब जाकर धीरे-धीरे लोगों की मानसिकता बदल रही है. लोग खेल के प्रति जागरूक हो रहे हैं.