जमुई:फादर्स डे के अवसर पर बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित सिंह (Minister Sumit Singh) ने अपने पिता पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह को याद किया. उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए लिखा मेरे पिताजी अपने बच्चों से पहले समाज और राज्य के बारे में सोचते हैं.
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सुमित सिंह ने लिखा कि शायद किसी को अचरज हो सकता है कि एक दशक तक मंत्री और कई बार विधायक रहने के बाद भी पटना में उन्होंने घर नहीं बनवाया. न कोई उद्योग, न कोई कारोबार. सिर्फ राजनेता बने रहे. उन्होंने पद नहीं विचार और बिहार को सबसे पहला स्थान दिया. जब लालू प्रसाद 1990 में पहली बार मुख्यमंत्री बने तो मेरे पिता राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे.
लालू के खिलाफ किया था बगावत
मेरे पिता ने सबसे पहले लालू प्रसाद की स्वेच्छाचारिता, अराजकता और अनियमितता पर सवाल उठाया था. उन्हें महसूस हो गया था कि बिहार बड़े अंधेरे दौर में जाने वाला है. उन्होंने मंत्री बनने के एक ही साल बाद बगावत का बिगुल फूंक दिया. स्वास्थ्य मंत्री पद त्याग लालू राज के खिलाफ इन्कलाब की राह पर निकल पड़े. उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा. सामाजिक वैमनस्य के माहौल में 1995 में चुनाव हार गए. 2000 में जमुई और चकाई दोनों सीटों से निर्दलीय चुनाव लड़े और भारी मतों से जीते थे.