जमुई: डीएम के आदेश के बावजूद हरला क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों को खाना नहीं दिया जा रहा है. नतीजतन परिजन अपने घर में खाना बनाकर क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचा रहे हैं. इससे गांव वालों को संक्रमण का खतरा सताने लगा है.लॉक डाउन के कारण दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को केंद्र और राज्य सरकार की मदद से उन्हें उनके घरों तक पहुंचा जा रहा है. उसी के तहत 1 सप्ताह पहले हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई सहित देश के अलग-अलग राज्यों में मजदूरी कर रहे प्रवासी मजदूर जमुई पहुंचे थे, जिन्हें उनके संबंधित प्रखंड स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया है.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा खाना, बाहर से खरीदने पर संक्रमण का खतरा बढ़ा - DM Dharmendra Kumar
जब परिजन क्वॉरेंटाइन सेंटर हरला तक खाना पहुंचाने आ रहे हैं, तो प्रवासी मजदूर स्कूल भवन के बाहर निकलकर बिना सोशल डिस्टेंस का पालन किए ही खाना ले रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने का खतरा सता रहा है.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में परिजन पहुंचा रहे हैं प्रवासी मजदूरों को खाना
प्रवासी मजदूरों को सदर प्रखंड के नव उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरला में बनाए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. यहां रह रहे लोगों को 1 सप्ताह से खाना नहीं मिल रहा है. उनके परिजन क्वॉरेंटाइन सेंटर में उनके लिए खाना पहुंचा रहे हैं. बताया जा रहा है कि जब परिजन खाना पहुंचाने सेंटर तक आ रहे हैं, तो प्रवासी स्कूल भवन के बाहर निकलकर बिना सोशल डिस्टेंस का पालन किए ही खाना ले रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने का खतरा सता रहा है.
अनुमंडल पदाधिकारी ने दिया भरोसा
हरला क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे 7 वर्षीय नाबालिग राजा कुमार को भी 1 सप्ताह से खाना नहीं मिला. डीएम धर्मेंद्र कुमार के क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचने पर हाथ जोड़कर खाने की गुहार लगाई. इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी लखींद्र पासवान से बात की गई तो उन्होंने सब ठीक होने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है कई प्रवासी अभी भी वहां पहुंच रहे हैं. इस कारण थोड़ी समस्या आ रही है. जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा और वहां रह रहे प्रवासी मजदूरों को खाना सहित अन्य जरूरी सामग्री की व्यवस्था की जाएगी.