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Shortage of DAP in Jamui : छोटे-छोटे बच्चों के साथ लाइन खड़ी महिलाएं फिर भी नहीं मिल रही यूरिया - ETV Bharat news

Jamui News जमुई के किसानों को यूरिया खाद के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शहर के कचहरी चौक स्थित बिस्कोमान भवन परिसर में दो दिनों से लाइन में लगे किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है. गुस्साएं लोगों ने जमकर हंगामा किया. (Fierce uproar in Jamui Biscoman building complex) पढ़ें पूरी खबर..

जमुई के यूरिया खाद के लिए लंबी कतार
जमुई के यूरिया खाद के लिए लंबी कतार

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Published : Jan 17, 2023, 11:08 PM IST

जमुई :बिहार के जमुईमें किसान डीएपी खाद की भारी (Jamui Urea Fertilizer Shortage) समस्या से जूझ रहे हैं. लंबे इंतजार के बाद जब इफको की डीएपी खाद के लिए किसान सुबह तीन बजे से खाद लेने के लिए लाइन लग रहे हैं. महिलाएं यूरिया लेने के लिए अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ देर रात 1 बजे से ही बिस्कोमान भवन परिसर में लाइन में लगे हुए हैं. इसके बावजूद खाद नहीं मिला. आक्रोशित लोगों ने बिस्कोमान भवन परिसर में जमकर हंगामा किया.

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दो दिनों के बाद भी नहीं मिला खाद:सदर प्रखंड क्षेत्र के अमरथ के किसान सुरेश महतो ने बताया कि बीते 2 दिनों से यूरिया खाद के लिए वह घंटों लाइन में लगे रहते हैं लेकिन उन्हें दो दिनों बाद भी यूरिया उपलब्ध नहीं कराया गया है. किसान यूरिया लेने के लिए अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ देर रात 1 बजे से ही बिस्कोमान भवन परिसर में लाइन में लगे है. वहीं रात से सुबह और शाम हो जाने के बावजूद किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है.

किसान हैं परेशान:चंदवारा गांव निवासी उर्मिला देवी, रामवती देवी, उमा देवी ने बताया कि यूरिया नहीं मिलने के कारण वह सोमवार की रात 1 बजे ही अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पिकअप वाहन पर सवार होकर रात भर बिस्कोमान भवन परिसर में लाइन में लगी रही, लेकिन दोपहर बाद भी उन्हें खाद नहीं मिला. जिले के किसान परेशान हैं इसकी किसी को चिंता नहीं है.

"यूरिया नहीं मिलने के कारण वह सोमवार की रात 1 बजे ही अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पिकअप वाहन पर सवार होकर रात भर बिस्कोमान भवन परिसर में लाइन में लगी रही, लेकिन दोपहर बाद भी उन्हें खाद नहीं मिला."- उमा देवी

3 बजते ही बंद कर दिया जाता है काउंटर:संगथू गांव निवासी भरत चौरसिया ने बताया कि वह मंगलवार की सुबह 6 बजे से ही लाइन में लगा था, लेकिन पदाधिकारी 11 बजे खाद काउंटर खोलते हैं और 3 बजते ही बंद कर दिया जाता है. जिससे उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा. जबकि इसको लेकर कई बिजोलिया जबरन आकर धक्का-मुक्की करते हैं और खुद खाद ले लेते हैं. उसे दुकानों में ऊंचे दर पर बेच देते हैं. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

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