जमुई:पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Former Union Minister RCP Singh) और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ( Lalan Singh vs RCP Singh) के बीच की तल्खी किसी से छिपी नहीं है. दोनों एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते ही रहते हैं. जमुई में जब ललन सिंह (Lalan Singh JDU President) से आरसीपी सिंह को लेकर सवाल पूछा गया तो वे भड़क गए. जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आरसीपी सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. अब अगला मंत्री कौन होगा? इस सवाल को सुनते ही ललन को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछिए.
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आरसीपी सिंह के सवाल पर भड़के ललन सिंह: ललन सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है. पीएम मंत्रिमंडल का गठन करेंगे कि हम करेंगे. इस दौरान ललन सिंह इतने गुस्से में आ गए कि उन्होंने पत्रकारों से यहां तक कह दिया कि आप दरख्वास्त लेकर जदयू की ओर से खड़े हो जाइये. हर चीज पर प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं है.
"अगला मंत्री कौन होगा जाकर पीएम से पूछिए. यह तो पीएम का विशेषाधिकार है. जदयू की ओर से आप दरख्वास्त लेकर खड़ा हो जाइये."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनता दल यूनाइटेड
'IGIMS में बिना पैरवी के नहीं होता इलाज':इस दौरान ललन सिंह से बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी सवाल किया गया. अब उनसे पूछा गया कि आपकी सरकार इतने दिनों से बिहार में है. क्या यहां स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं है? तभी तो आप नेता मंत्री दिल्ली एम्स पहुंच जाते हैं, अपना इलाज कराने. इसपर ललन ने कहा कि एमपी को एम्स में सुविधा है इसलिए जाते हैं. साथ ही उन्होंने आईजीआईएमएस की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आईजीआईएमएस में बिना पैरवी के कुछ नहीं होता है. बिहार में जो आईजीएमएस बना है वो सबसे बेहतर अस्पताल है. किसी भी ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस से कम नहीं है.
आरसीपी सिंह की राजनीति को लेकर सस्पेंस:आपको बता दें कि जेडीयू में आरसीपी सिंह को लेकर विरोधाभास है. पार्टी के तमाम शीर्ष नेता उनसे नाराज चल रहे हैं. हालांकि उनके अपने गुट के समर्थक आज भी उनके साथ हैं, वहीं ललन गुट के नेता और कार्यकर्ता उनपर लगातार निशाना साध रहे हैं. चाहे वो खुद ललन सिंह हों या जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा दोनों ही आरसीपी सिंह पर लगातार हमलावर रहते हैं. वहीं, आरसीपी भी राज्यसभा नहीं भेजे जाने से पार्टी से नाराज दिख रहे हैं. दरअसल, आरसीपी सिंह का राज्यसभा में बतौर सांसद कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो गया है. बिना सांसद रहे कोई भी व्यक्ति अधिक से अधिक 6 महीने तक ही मंत्री रह सकता है. जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा सांसद नहीं बनाया और खीरू महतो को जेडीयू ने राज्यसभा पहुंचाया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद अब आरसीपी सिंह पार्टी में किस भूमिका में होंगे इस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं.
ललन सिंह वर्सेस आरसीपी सिंह :आरसीपी सिंह पिछले 28 सालों से नीतीश कुमार के साथ हैं तो वहीं ललन सिंह उनसे भी पहले से नीतीश कुमार से जुड़े हुए हैं. हालांकि बीच में ललन सिंह जरूर विद्रोही हो गए थे. इसके बावजूद ललन सिंह की नीतीश कुमार से नजदीकियां को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. केंद्र में जब से आरसीपी सिंह मंत्री बने थे, तब से ललन सिंह उनसे नाराज हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव से लेकर पार्टी के कई कार्यक्रमों को लेकर भी विरोधाभास दोनों नेताओं का सामने आ चुका है.