बिहार

bihar

ETV Bharat / state

नियुक्त शिक्षकों के बदले ग्रामीण महिला के भरोसे स्कूल, छात्रों को अपने क्लास तक की जानकारी नहीं

जमुई के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पचकठिया (Pachkathia Upgraded Middle School) में एक ग्रामीण महिला स्कूल का संचालन कर रही है. 5 सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति के बावजूद वो यहां बच्चों को पढ़ाने नहीं आते हैं. साथ ही स्कूल में पढ़ने वालों छात्रों को अपनी क्लास तक की जानकारी नहीं है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नहीं पहुंचे शिक्षक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नहीं पहुंचे शिक्षक

By

Published : Apr 21, 2022, 6:05 PM IST

जमुई:बिहार सरकार शिक्षामें सुधार (Improving Education In Bihar) को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. स्कूल भवन निर्माण समेत अन्य चीजों पर खर्च के लिए करोड़ों का बजट भी पारित कराया जाता है लेकिन गांवों में शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. मामला जमुई के झाझा प्रखंड क्षेत्र में घने जंगल के बीच स्थित बाराकोला पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पचकठिया ( Pachkathia Upgraded Middle School) का है. जहां स्कूल का संचालन एक ग्रामीण महिला करती है. इस विद्यालय में चार शिक्षक और एक शिक्षिका की नियुक्ति तो जरूर की गई है लेकिन वो कभी स्कूल पहुंचते ही नहीं हैं. यही नहीं जब स्कूल में मौजूद छात्रों से उनकी कक्षा के बारे में पूछा गया तो वो कुछ भी बता नहीं पाए.

ये भी पढ़ें:1 शिक्षक.. 230 छात्र.. बिहार की शिक्षा व्यवस्था का हाल देखिए

उत्क्रमित मध्य विद्यालय पचकठिया में नहीं आते शिक्षक:वहीं, विद्यालय का संचालन कर रही ग्रामीण महिला बबीता टुड्डू ने बताया कि प्रिंसिपल अरविंद कुमार स्कूल के सभी रजिस्टर अपने घर में रखते हैं. छह महीने में कभी कभार ही वो स्कूल आते हैं. बबीता ने बताया कि सहायक शिक्षक बजून मरांडी तो लॉकडाउन के बाद अभी तक एक दिन भी विद्यालय नहीं आए हैं. शिक्षिका अरुणा किस्कु के बदले में कभी-कभी उनके पति बासुदेव हांसदा विद्यालय घूमने के लिए आते हैं और चले जाते हैं. साथ ही बबीता ने कहा कि शिक्षक उमेश कुमार के बदले वो हर दिन विद्यालय खोलने आती है. इसके लिए उमेश कुमार उसे तीन हजार रुपये महीने का देते हैं.

स्कूल में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन:बता दें कि इस स्कूल में आंगनबाड़ी केंद्र का भी संचालन किया जाता है. वहीं, नियुक्ति के बाद इस केंद्र की आंगनबाड़ी सेविका अनिता देवी आज तक केंद्र पर आयी भी नहीं. ग्रामीण मोहन खैरा, आनंदी खैरा, संतु खैरा, चरकी देवी समेत अन्य ने बताया कि विद्यालय में कौन शिक्षक हैं, यह किसी को भी पता नहीं है. उन्होंने बताया कि हम लोगों को आज पता चला कि जो महिला पढ़ाने आती है, वो इस विद्यालय की शिक्षिका नहीं है. ग्रामीणों की शिकायत पर जब विद्यालय का निरीक्षण के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो लोगों को हकीकत पता चली.
ये भी पढ़ें:बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था: कागजी दावों की धरातल पर बदहाल तस्वीर, जिम्मेदार कौन?

छात्रों को अपने वर्ग की जानकारी नहीं:वहीं, स्कूल में मौजूद आठ से दस छात्रों से जब पूछा गया कि आप कौन से वर्ग के विद्यार्थी हैं तो छात्र अपने वर्ग का नाम भी नहीं बता पाए. साथ ही उन्हें स्कूल के शिक्षकों का नाम भी पता नहीं था. ऐसे में अब सवाल उठता है कि विद्यालय में शिक्षक मौजूद नहीं रहते तो छात्र पढ़ाई कैसे करेंगे. इस विद्यालय में एमडीएम और आंगनबाड़ी केंद्र का भोजन एक साथ बनाया जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि जो इस विद्यालय के प्रिंसिपल अरविंद कुमार की पत्नी ही आंगनबाड़ी सेविका है. इस लिए एक साथ ही एमडीएम और आंगनबाड़ी केंद्र का खाना बनाया जाता है. ग्रामीणों का बताया कि मीडिया को देखकर आज बहुत दिनों के बाद भोजन बन रहा है. इसके पहले कब भोजन बनाया गया था वो भी लोगों को याद नहीं. पूरे मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि शिकायत के आधार पर जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी.

खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP


ABOUT THE AUTHOR

...view details