जमुई: लॉक डाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सोमवार को बंगाल-झारखंड की सीमा से कई मजदूर अपने बच्चों के साथ जमुई पहुंचे. ये मजदूर कई दिनों से बंगाल-झारखंड की सीमा रेखा में एक चिमनी ईंट भट्टा पर काम कर रहे थे. प्रवासी मजदूर नवादा जिले के बताए जा रहे थे. उन्हें जब चिमनी ईंट भट्टा प्रबंधक ने खाने की सामग्री नहीं दी तो, वह अपने बच्चे और परिवार के साथ वहां से पैदल ही चल दिए.
जमुई: बंगाल-झारखंड सीमा से बच्चों के साथ पैदल पहुंचे मजदूर, सभी की हुई स्क्रीनिंग - झारखंड सीमा से जमुई पहुंचे मजदूर
बंगाल-झारखंड की सीमा से कई मजदूर सोमवार को जमुई पहुंचे. जिसके बाद सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई.
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सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग
मजदूरों ने जब झारखंड में प्रवेश किया, तो झारखंड सरकार की मदद से सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई. उसके बाद उन्हें 2 बस में बैठा कर जमुई में छोड़ दिया गया. जहां सभी देर शाम शहर के श्री कृष्ण सिंह स्टेडियम में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में पहुंचे. यहां जिला प्रशासन की ओर से सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई. उसके बाद उन लोगों को वहां खाने-पीने की सामग्री मुहैया कराई गई.
चिमनी भट्टा में करते थे काम
इस बाबत मजदूर प्रमोद कुमार और तितरिया देवी ने बताया कि लॉक डाउन के कारण बंगाल और झारखंड की सीमा रेखा स्थित एक चिमनी भट्टा में काम करते थे. लॉक डाउन के कारण काम बंद हो गया. जिसकी वजह से भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई थी. इसलिए सभी मजदूर पैदल ही वहां से निकल गए. मजदूरों को मंगलवार की सुबह बस से उनके घर भेजा जाएगा