जमुई:बिहार के जमुई में रामकृष्ण गौशाला (Ramkrishna Gaushala in Jamui) में 28 मई से जब्त 42 गाय बैल और सांड में से 18 की मौत होने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी जमुई गजेंद्र कुमार चौरसिया (Judicial Magistrate Jamui Gajendra Kumar Chaurasia) ने 24 पशुओं को किसानों को गोद देने का आदेश जारी कर दिया है. इस मामले में जमुई के वकील रूपेश कुमार सिंह के द्वारा बेजुबानों की रक्षा के लिए लगातार आवाज उठाई जा रही थी.
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पशुओं की मौत से मचा हड़कंप: गाय और अन्य पशुओं की ओर से आरके जनसमृद्धि कल्याण संस्था जमुई के वकील रूपेश कुमार सिंह ने खानपान, आवास और रखरखाव के अभाव को लेकर आवाज उठाई. उन्होंने मलयपुर थाना द्वारा जब्त 42 मर रहे पशुओं का मामला न्यायालय के समक्ष रखकर लगातार महीनों केस में पैरवी की. जहां प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एक्ट (Prevention of Cruelty to Animals Act) के प्रावधानों के तहत पशुओं के जीवन की रक्षा के लिए उसे शर्तों के साथ बॉन्ड भरवा कर गोद देने और मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया.
पहले भी बेजुबानों को किया मुक्त: गौरतलब हो कि पूर्व में सिकंदरा थाने द्वारा जब्त किए गए 117 में से दर्जनों पशुओं की मौत के बाद 84 पशुओं को न्यायिक दंडाधिकारी जमुई अनंत कुमार ने मुक्त करने का आदेश दिया था. जिसे किसान खुशी-खुशी बॉन्ड भरकर गोद ले गए. जमुई में विभिन्न थानों द्वारा जब्त कर पशुओं को राम कृष्ण गौशाला में रखा गया था जहां पिछले 5 महीने में लाखों रुपए का भोजन, घेराबंदी, रहने की जगह, पीने का पानी इत्यादि स्थानीय निवासियों ने चंदे से पशुओं को उपलब्ध कराया फिर भी कुल पशुओं में से 60 से अधिक की दर्दनाक मौत हो गई.
गायों की है ऐसी स्थिती: मलयपुर थाने द्वारा जब्त गाय खानपान और रखरखाव के अभाव में दुर्बल और जर्जर हो चुकी है. न्यायालय द्वारा उसे किसानों के पक्ष में गोद देकर मुक्त करने के आदेश के बाद जीवित बचे पशुओं को बचाया जा सकेगा. साधन-संसाधन के अभाव में राम कृष्ण गौशाला की अपनी भी गाय और अन्य पशुओं की लगातार मौत हो रही है. वहीं न्यायिक दंडाधिकारी के फैसले के बाद गांव के किसान काफी खुश हैं.
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