जमुई:बिहार के जमुई जिले काचकाई थाना क्षेत्र के चरपत्थला गांव की गिनती नक्सली धमक वाले क्षेत्र में सुमार है. यहां समय-समय पर नक्सलियों की धमक होते रहती है. आतंक के साये में जी रहे ग्रामीणों का विकास थम सा गया है. लिहाजा इलाका काफी पिछड़ा हुआ है. इस क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था काफी बदहाल स्थिति में है. लेकिन अब इस गांव में परिवर्तन की लौ जलती दिखाई दे रही है.
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बच्चों को शिक्षा व्यवस्था से जोड़ने की पहल शुरू हुई है. इस कार्य में श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट शांतिकुंज हरिद्वार (Vedmata Gayatri Trust Shantikunj Haridwar) द्वारा संचालित गायत्री परिवार (Gayatri Parivar Trust) रचनात्मक ट्रस्ट ने कदम आगे बढ़ाया है.
बच्चों को दी जा रही नि:शुल्क शिक्षा. गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट चकाई की ओर से शिक्षा के इस मुहिम के लिए खुशी जाहिर की. चकाई प्रखंड से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पेटार पहरी पंचायत का दुर्गम गांव कोल्हाडीह के समीप चर पत्थला में गायत्री ट्रस्ट द्वारा एक आश्रम बनाया गया है. जिसकी देखरेख ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष कृष्ण मोहन दास उर्फ उड़िया बाबा के नाम से प्रसिद्ध द्वारा की जाती है.
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आश्रम शुरुआती दौर में खुद संकट से जूझ रहा था. लोग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे. अथक परिश्रम के बाद उड़िया बाबा लोगों के दिलों में जगह बना पाने में कामयाब हुए. आज निर्भीक होकर लोग इस एरिया में भी काफी अच्छा फील कर रहे हैं. रचनात्मक ट्रस्ट के पाठशाला में करीब 30 बच्चों को प्रतिदिन शिक्षा दी जाती है. इसके साथ ही सप्ताह के शनिवार को भोजन कराया जाता है. इसके एवज में बच्चे के अभिभावक से महीने में 1 दिन आश्रम के लिए श्रमदान लिया जाता है. जिससे लोग काफी प्रसन्न होकर खुशी-खुशी श्रमदान करते हैं और आश्रम को सुसज्जित करने में अपना कीमती समय देते हैं.
आश्रम में बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाले जयकांत मंडल झारखंड के गोड्डा जिला अंतर्गत लिट्टीपाड़ा स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय से सेवानिवृत्त होने के बाद लगातार गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट से जुड़ कर बच्चों को नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस दुर्गम क्षेत्रों में लोगों के लिए शिक्षा कितना मायने रखता है, यह यहां के लोग ही समझते हैं. जो इस ट्रस्ट के माध्यम से अपने बच्चों को पढ़ने का तरीका के साथ-साथ रहने एवं आसपास के लोगों से बातचीत करने के तरीकों से काफी प्रसन्न होते हैं.
जयकांत मंडल बताते हैं कि अगर यह लोग शिक्षित हो जाएंगे, तो समाज की कुरीतियां खुद-ब-खुद दूर हो जाएगी. वहीं, गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट चकाई के कोषाध्यक्ष कृष्ण मोहन दास उर्फ उड़िया बाबा ने बताया कि इस ट्रस्ट का गठन ही क्षेत्र को विकास कर लोगों को अच्छी व्यवहार कुशल से जोड़ना है. इसके साथ ही हर तरह के समाज की कुरीतियों को दूर कर एक अच्छे समाज का निर्माण करना है. इसी उद्देश्य को गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट द्वारा शिक्षा के लिए नि:शुल्क शिक्षा व्यवस्था की गई है.
'इस क्षेत्र में विद्यालय तो है लेकिन विद्यालय कोई काम का नहीं है. विद्यालय में एक भी बच्चे नहीं जाते हैं. जब से मैं यहां आया हूं तब से यहां के गांव के लोगों से संपर्क कर उनके बच्चों को आश्रम भेजने का आग्रह किया. तब उनके अभिभावक तैयार हुए और बच्चे को यहां भेजते हैं. बच्चों की पढ़ाई को देखकर अभिभावक भी काफी प्रसन्न रहते हैं.'-उड़िया बाबा, कोषाध्यक्ष, गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट चकाई
वहीं, उड़िया बाबा ने बताया कि यहां एक बहुत बड़ा आश्रम के साथ-साथ एक अच्छी गुरुकुल का निर्माण कराया जाएगा. जिसमें यहां के स्थानीय लोग के बच्चे पढ़ेंगे और साथ ही बाहरी लोग भी यहां आकर अपने बच्चे को शिक्षा ग्रहण कराएंगे. जिससे यह दुर्गम क्षेत्र भारत के नक्शे पर सबसे नामी क्षेत्रों में गिना जाएगा. आने वाले समय में यहां के आसपास के लोगों को गुरुकुल खुलने से काफी लाभ पहुंचेगा जिसके लिए ट्रस्ट के सभी सदस्य लगे हुए हैं. जल्द ही इस और कार्य कराई जाएगी.