जमुई: जिले में दो अलग-अलग जगहों पर करंट लगने से चार लोगों की मौत हो गई है. बताया जाता है कि ग्रामीणों की ओर बिजली विभाग को तार गिरने की सूचना दी गई थी. लेकिन विभाग ने लाइन नहीं काटी. जिसके कारण ये बड़ा हादसा हुआ है.
खेत में मां-बेटे की मौत
पहला हादसा जमुई टाउन थाना क्षेत्र अंतर्गत हासडीह गांव का है. जहां धान के खेत में काम करने गए मां-बेटा खेत में गिरे बिजली के नंगे तार की चपेट में आ गए. जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया. गांव के सभी लोग बिजली विभाग को कोस रहे है. लोगों का कहना है कि तार गिरने की सूचना देने के बाद भी बिजली विभाग ने लाइन नहीं काटी. जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान 30 वर्षीय महिला रीता देवी और 5 वर्ष के उसके पुत्र अंकुश कुमार के रूप में की गई है. वहीं, घटना के बाद परिवार में मातम का माहौल है.
साफ-सफाई के दौरान लगा करंट
वहीं, दूसरी घटना जमुई के झाझा थाना क्षेत्र की है. जहां 14 वर्षीय सोनाली कुमारी दशहरा पर्व को लेकर घर में साफ सफाई कर रही थी. इसी दौरान घर में लगे लोहे के दरवाजे पर बिजली का नंगा तार आ गिरा और लड़की करंट की चपेट में आ गई. उसे बचाने मां सविता देवी दौड़ी और वो भी नंगे तार की चपेट में आ गई. आनन फानन में परिजन दोनों को अस्पताल लेकर गए. लेकिन रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई.
निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी 'बिजली विभाग की लापरवाही से गई जान'
ग्रामीणों ने बताया कि बिजली विभाग की घोर लापरवाही से महिला और बच्चे की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि चार दिन पूर्व ही नहर पर बिजली का तार टूटकर गिर गया था. लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही के कारण टूटे बिजली तार को दुरुस्त नहीं किया गया. जिस कारण मां और बेटे की मौत हो गई है. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर बिजली विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान दिए होते तो इनकी मौत नहीं होती.
बिजली के तार गिरने से चार लोगों की मौत मौके पर पहुंचे एसडीएम और एसडीपीओ
घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम लखींद्र पासवान, एसडीपीओ रामपुकार सिंह और नगर थानाध्यक्ष राजेश शरण मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. साथ ही परिजन को ढांढ़स बंधाते हुए एसडीएम ने आपदा प्रबंधन के तहत चार-चार लाख रुपये परिजन को देने का आश्वासन दिया है.