जमुई: कोरोनाके मरीज बढ़ने पर पटना के एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल) को कोविड डेडिकेटेड बना दिया गया है. यहां सिर्फ कोरोना के मरीजों का इलाज हो रहा है. मरीजों की मौत से आक्रोशित परिजनों के हंगामे के बाद यहां के जूनियर डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है.
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जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह गुस्से में हैं. पूर्व मंत्री ने एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों को चेतावनी दी है कि वे 24 घंटे के अंदर अपना हड़ताल वापस लें नहीं तो उनेक घरों का घेराव किया जाएगा. उन्हें घर से नहीं निकलने दिया जाएगा.
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का बयान डॉक्टरों को घर से नहीं निकलने दूंगा
पूर्व मंत्री ने कहा "डॉक्टर धरती के भगवान कहे जाते हैं, लेकिन अगर यही लोग हड़ताल करने लगेंगे तो आम जनता की रक्षा कौन करेगा. मैं एनएमसीएच के डॉक्टरों से अपील करता हूं कि 24 घंटे के अंदर हड़ताल खत्म करे दें. डॉक्टर अगर हड़ताल पर रहें और कोरोना के मरीज मरते रहें तो आम जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. मैं आम जनता के साथ डॉक्टरों के घरों का घेराव करूंगा. उनके परिवार का घेराव करूंगा. उन्हें घर से नहीं निकलने दूंगा. मैं सुप्रीम कोर्ट से भी मांग करता हूं कि ऐसे डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाई जाए."
डॉक्टरों को दिखाना चाहिए धैर्य
नरेंद्र सिंह ने कहा "बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की मौत के कारण परिजन आक्रोशित हुए. परिजनों ने डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया यह अनुचित है, लेकिन परिस्थितिवश ऐसी घटनाएं हो जाती हैं. डॉक्टरों को थोड़ा धैर्य से काम लेना चाहिए. जूनियर डॉक्टरों ने थोड़े से विवाद को इतना बड़ा तूल दे दिया."
डॉक्टरों की सुरक्षा की व्यवस्था करे सरकार
"सरकार ने कार्रवाई की है. दो लोगों को गिरफ्तार किया है. एनएमसीएच कोविड अस्पताल है. वहां कोरोना मरीज इलाज करा रहे हैं. बड़े पैमाने पर बिमारी फैल रही है. ऐसी स्थिति में डॉक्टरों का हड़ताल करना कहीं से भी ठीक नहीं है. मैं सरकार से मांग करता हूं कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जो व्यवस्था हो करे."- नरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री
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