जमुई:राष्ट्रीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर आज देशव्यापी काला दिवसमनाया गया. इसको लेकर पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने भी काली पट्टी लगाकर विरोध दर्ज कराया. कृषि कानूनों को समाप्त करने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिश को लागू करने और किसानों के अनाजों को एमएसपी दर पर खरीद की मांग की गई.
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हर मोर्चे पर सरकार विफल
दिल्ली आने-जाने वाले मार्गों पर लाखों किसान आज भी शांतिपूर्ण धरना पर बैठे हैं. पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना काल में लाखों लोग सरकारी उपेक्षा और बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो चुकी है. बावजूद इसके आज भी लाखों किसान कई बॉर्डरों पर धरना पर बैठे हैं.
किसानों की मांग हो पूरी
नरेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना युद्ध में हमने हजारों चिकित्सकों, शिक्षकों, विधायकों, सांसदों, समाजसेवियों, साहित्यकारों और कवियों को खोया है. बच्चों और युवाओं को खोया है. जो आने वाले भारत के निर्माता हो सकते थे. हम कोरोना युद्ध में हर तरह का सहयोग करने को तैयार हैं. सत्ता पक्ष अपनी जिद छोड़े, विपक्षियों को अपमानित करना बंद करे. साथ ही विगत 6 महीनों से चल रहे किसान आंदोलन के सम्मानित नेताओं से वार्ता कर उनकी मांगें पूरी करे. ताकि कृषि उत्पाद पर इस संकट की घड़ी में कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़े.
लॉक डाउन की वजह से सभी छोटे-बड़े उद्योग धंधे बंद पड़े हैं. करोड़ों लोगों को नौकरी गंवाकर बेरोजगारी का शिकार होना पड़ा है. अभी वर्तमान में कृषि क्षेत्र ही सबों को रोजगार मुहैया करा सकता है तथा अन्न उत्पादन में विश्व में एक नया कीर्तिमान कायम कर सकते हैं.