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जमुई में तेज हुई फर्जी नियोजित शिक्षकों की जांच की आंच, 7 पंचायतों को दिया गया 3 दिन का अल्टीमेटम

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Published : Jan 5, 2021, 4:46 PM IST

बिहार में फर्जी नियोजित शिक्षकों की पहचान के लिए लंबे समय से कार्रवाई हो रही है. 2019 में ईटीवी भारत ने एक खबर प्रकाशित की थी. खबर में हमने बताया था कि शिक्षा विभाग के मुताबिक बिहार में कुल मिलाकर 3 लाख 52 हजार 902 नियोजित शिक्षक हैं, जिनमें 2 लाख 41 हजार 571 फोल्डर निगरानी विभाग को शिक्षा विभाग ने उपलब्ध कराया है. लगभग, एक लाख 12 हजार फोल्डर अब भी विभाग के पास नहीं है.

7 पंचायतों को निर्देश
7 पंचायतों को निर्देश

जमुई : चंद्रमंडीह शैक्षणिक अंचल के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी शमशुल होदा ने प्रखंड के 7 पंचायतों के पंचायत सचिव सह सदस्य सचिव पंचायत शिक्षक नियोजन समिति को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने नियोजित शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र का फोल्डर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इसके लिए तीन दिन का समय दिया गया है.

चंद्रमंडीह के शिक्षा पदाधिकारी के जारी पत्र में पुलिस निरीक्षक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के पत्रांक के आधार पर ये निर्देश दिया गया है. पत्र में लिखा गया है कि प्रखंड के प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों के फोल्डर जांच के लिए निगरानी अन्वेषण इकाई पटना को उपलब्ध कराना अति आवश्यक है.

7 पंचायतों को निर्देश

'फोल्डरों की स्थिति दयनीय'
पूर्व में निर्देश के बावजूद भी प्रखंड के चौफला, नावाडीह सिल्फरी, माधोपुर, बांमदाह, कल्याणपुर एवं रामसींगडीह पंचायत के पंचायत सचिवों द्वारा शिक्षक नियोजन का फोल्डर जमा नहीं किया गया है. पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कर रही है. प्रारंभिक नियोजित शिक्षकों का उपलब्ध कराए गए फोल्डर की स्थिति काफी दयनीय है. इस पर निगरानी विभाग के पदाधिकारियों ने काफी खेद प्रकट किया है. पत्र प्राप्ति के 3 दिनों के अंदर हर हाल में नियोजित शिक्षकों के फोल्डर को जांच के लिए उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.

5 सालों से चल रही जांच
बिहार में लंबे समय से फर्जी टीचरों की पहचान के लिए फोल्डर की जांच प्रक्रिया चल रही है. ईटीवी भारत ने इस बाबत 4 सितंबर 2019 को एक खबर भी चलायी थी. हमने बताया था कि बिहार में नियोजित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले की जांच 4 साल में भी पूरी नहीं हो पाई है. शिक्षा विभाग के पास यह भी आंकड़ा नहीं है कि कितने नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं. विभाग ने निगरानी विभाग को कई बार आंकड़े दिए लेकिन ये आंकड़े आपस में कोई मेल नहीं खाते. ऐसे में निगरानी विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि शिक्षा विभाग से करीब एक लाख शिक्षकों के फोल्डर गायब हैं.

पढ़ें ये खबर :1 लाख 12 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों का फोल्डर गायब, कैसे होगी फर्जी टीचरों की जांच?

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