जमुई: बिहार के जमुई में अपने खेत में काम कर रहे एक किसान के क्या पता था कि बारिश के साथ-साथ आसमान से मौत भी (lightning in Bihar) उसके ऊपर गिरेगी. सिकंदरा प्रखंड क्षेत्र में अपने खेत में काम कर रहा एक किसान आसमान से गिरी बिजली की चपेट में आ गया. इस वजह से उसकी तत्काल मौत हो गई. वज्रपातकी चपेट में आने से मौत होने के बाद किसान के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है. यह हादसा जिले के सिकंदरा प्रखंड के सिझोडी गांव की (lightning in Jamui) है. मृतक किसान की पहचान सिकंदरा प्रखंड के सिझोडी गांव निवासी जागू मांझी के पुत्र हुलाशा मांझी के रूप में की गई.
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खेत में काम कर रहा था किसानः परिजन ने बताया कि सिझोडी के जागू मांझी का पुत्र हुलाशा मांझी बुधवार की शाम अपने खेत की ओर कुछ काम करने के लिए निकला था. जब वह खेत पर काम कर रहा था, तभी अचानक वर्षा शुरू(Bihar Weather Update) हो गई. आसमान में बदल गरजने के साथ-साथ बिजली भी चमकने लगी. तभी आसमान से एक बिजली उसपर भी गिर पड़ी. बिजली की चपेट माने से उसकी मौत हो गई. वैसे घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन मौके पर पहुंचकर किसान को उठाकर सिकंदरा अस्पताल ले गए. वहां चिकित्सकों ने जांच करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी के बाद सिकंदरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.
पिछले महीने भी जमुई में हुई थी वज्रपात से मौत: जमुई में चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र के अखाने गांव में एक किशोर पर वज्रपात हुआ. उसकी तत्काल ही मौत हो गई. युवक की पहचान चन्द्रमंडीह थाना क्षेत्र के अखाने गांव निवासी प्रफुल्ल राय के 18 वर्षीय पुत्र गौरव कुमार के रूप में की गई है. इसके पहले भी बुधवार की शाम चकाई थाना क्षेत्र के 2 गांव में वज्रपात की चपेट में आने से दो व्यक्ति की मौत हो चुकी है. पिछले महीने भी बिहार में 11 लोगों की वज्रपात से मौत हो गई थी. 27 जुलाई-28 जुलाई की शाम तक बिहार के जमुई (01), कैमूर (03) और बक्सर (01), गया (03), नवादा (02), रोहतास (01) में 11 लोगों की मौत हो गई.
वज्रपात से 7 साल में सोलह सौ लोगों की मौत :बिहार में आकाशीय बिजली यानी वज्रपात से लोगों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. बिहार सरकार की ओर से वज्रपात की जानकारी के लिए पटना सहित खगड़िया, रोहतास, नवादा, पूर्वी चंपारण, दरभंगा और पूर्णिया में कुल आठ अर्थ नेटवर्क सेंसर लगाए गए हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से पटना, गया, दरभंगा में अलग से अर्थ नेटवर्क सेंसर लगे हुए हैं. मौसम विभाग बिहार सरकार (Meteorological Department Government of Bihar) का आपदा विभाग और सूचना जनसंपर्क विभाग के तरफ से यह लगातार दावा होता रहा है कि 3 घंटा पहले वज्रपात और मौसम की जानकारी मुहैया कराई जा रही है.
वज्रपात से नहीं थम रहा मौतों का सिलसिला :आकशीय बिजली से लोगों को जानकारी मिले इसके लिए बिहार सरकार की ओर से विशेष रूप से इंद्रव्रज ऐप बनाया गया है, तो वहीं भारत सरकार का दामिनी ऐप भी है. ऐप के माध्यम से किलोमीटर की परिधि में आकाशीय बिजली गिरने की स्थिति में 40 से 45 मिनट पूर्व सूचना मिल जाती है. लोगों को सूचना देने के लिए रेडियो, टेलीविजन, विभिन्न प्रचार माध्यमों की मदद लेने की बात कही जाती रही है. लेकिन सच्चाई यही है कि इस बार बिहार में मानसून कमजोर है. बारिश कम हो रही है लेकिन अकाशीय बिजली से मरने वाले लोगों की संख्या 200 के करीब पहुंच गई है और इसमें से 90 फीसदी से अधिक ग्रामीण इलाकों में मौत हो रही है. मरने वालों में सबसे अधिक किसान और मजदूर है.
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