जमुई:बिहार में पूर्ण शराबबंदी( Liquor Ban In Bihar) के बावजूद लोग अक्सर शराब के नशे में पकड़े जाते हैं. ऐसा ही मामला जमुई (Liquor In Jamui) के महेशा पत्थर से सामने आया है. दरअसलझारखंड के देवघर बाबाधाम से जलार्पण कर लौट रहे 11 कांवड़ियों को शराब के नशे में चकाई एलटीएफ की टीम ने पकड़ा है. विशेष वाहन जांच अभियान के दौरान सभी को महेशा पत्थर चेक पोस्ट (Mahesha Pathar Check Post) के पास से गिरफ्तार किया गया. इनके पास से शराब भी बरामद (Kanwaria Arrested With Liquor) की गई है. साथ ही टीम ने 2 लग्जरी वाहन को भी जब्त कर लिया है.
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शराब के नशे में 11 कांवड़िया गिरफ्तार: इस संबंध में चकाई इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष चंदेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि एलटीएफ प्रभारी मृत्युंजय कुमार पंडित, एसआई अशोक कुमार सिंह ने जिला बल के साथ एक टीम बनाकर विशेष वाहन जांच अभियान चलाया था. इस दौरान चकाई जमुई मुख्य मार्ग स्थित महेशा पत्थर चेक पोस्ट पर वाहन संख्या बीआर 30 पीए 1637 एवं बीआर 01 डीजेड 0662 को रोक कर तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान गाड़ी से 4 बोतल विदेशी शराब बरामद हुई.
गिरफ्तार कांवड़ियों के नाम: साथ ही वाहन सवार किशन कुमार महतो पिता स्वर्गीय महेंद्र महतो, उमेश कुमार महतो पिता स्व. सीताराम महतो, रंजीत राव पिता गणेश राव, पंकज गुप्ता पिता सत्यनारायण गुप्ता, विशाल कुमार पिता रामु महतो, रामु महतो पिता लखन महतो सभी साकिन व थाना रीगा जिला सीतामढ़ी , गौरव कुमार पिता देवदत्त कुमार, शशिभूषण आर्या पिता मुन्ना प्रसाद, रंजीत कुमार पिता संजय कुमार, अमन कुमार पिता लक्ष्मी कांत अभी साकिन व थाना परसा बाजार, पटना निवासी को नशे में पाया गया.
बाबाधाम से पूजा कर लौट रहे थे: जिसके बाद उक्त सभी पर बिहार मद्य निषेध उत्पाद संशोधन अधिनियम 2018 के तहत मामला दर्ज किया गया है. सभी गिरफ्तार लोगों को पुलिस अभिरक्षा में न्यायिक हिरासत में जमुई भेज दिया गया है. बताया जाता है कि गिरफ्तार सभी लोग सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा अर्चना कर वापस घर लौट रहे थे.
2016 से बिहार में लागू है शराबबंदी कानून: बता दें कि बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून (Bihar Prohibition and Excise Act 2016) लागू है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.