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हाय रे सिस्टम, टीन के शेड के नीचे स्कूल, सर्द हवाओं के बीच जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं बच्चे

Education System In Jamui: जमुई से एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां कमरों के आभाव में छात्र-छात्राएं इस कड़ाके की ठंढ में टीन के शेड में पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं. मामला जिला मुख्यालय स्थित जमुई टाउन से सटे इस्लामनगर मुहल्ले का है. इस स्कूल में 150 बच्चे नामांकित हैं. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 11, 2024, 5:45 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 7:15 PM IST

जमुई में शिक्षा व्यवस्था

जमुई: बिहार के जमुई जिले का एक स्कूलबिहार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है. जमुई के इस सरकारी स्कूल में न तो छत है और न बुनियादी सुविधाएं, जिसके कारण छात्र खुले आसमान में ही पढ़ने को मजबूर हैं. हम आज एक ऐसे स्कूल की तस्वीर दिखा रहे हैं जो सुदूरवर्ती इलाके का नहीं है, शहरी क्षेत्र जिला मुख्यालय का है. मामला जिला मुख्यालय स्थित जमुई टाउन से सटे इस्लामनगर मुहल्ले का है. जहां 2006 से संचालित स्कूल का कोई पक्का भवन नहीं है.अभी सर्द मौसम है, ठंडी हवा चल रही है, जो यहां पढ़ने वाले बच्चों को परेशान कर रही है. यहां बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

जमुई में शिक्षा व्यवस्था:इस विद्यालय में 150 बच्चे नामांकित है. कक्षा एक से लेकर पांच तक की पढ़ाई होती है. सभी मौसम में खुले में और टीन के शेड के नीचे जमीन पर बैठाकर बच्चों को पढ़ाया जाता है. ऐसे में पढ़ने वाले बच्चों की क्या स्थिति होती होगी. शीतलहरी में इनके सेहत स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है. दो दिन पहले जिले के सोनो प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय भरतपुर के एक छात्र की ठंढ लगने से मौत हो गई जो ओरैया के मुरारी यादव का 7 वर्षीय पुत्र सुमित कुमार था. शिक्षकों अभिभावकों के तरफ से भी मांग उठने लगी है कि एक से पांच क्लास के बच्चों की छुट्टी कर दी जाए.

स्कूल भवन नहीं : बिहार सहित जमुई जिले में शीतलहर की चपेट में है. जिला प्रशासन को इसपर संज्ञान लेना चाहिए. नगर सहायक शिक्षिका सोनी खातून ने बताया "ठंढ़ का मौसम हो या गर्मी हो या फिर बरसात बच्चे इसी प्रकार से पढ़ाई करने को विवश हैं. बच्चे न स्कूल भवन न शौचालय की व्यवस्था न ही अन्य सुविधा मिल पाती है. बच्चों को अभी तक जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल पाया है. हमलोग तो अपील कर रहे हैं." शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन और सरकार बच्चों पर ध्यान दें. ताकि ये नौनिहाल सुरक्षित रहकर अपना भविष्य बना सके.

सिर्फ मिल रहा आश्वासन: स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक अब्दुल रहमान ने बताया कि "हमलोग तो लगातार शिक्षा विभाग को जानकारी भेजकर गुहार लगा रहे है कि बच्चों का ध्यान रखते हुऐ जल्द स्कूल भवन का निर्माण कराया जाए. पर अभी तक तो आश्वासन ही मिलता आ रहा है. 2006 से ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है, लेकिन स्कूल भवन नहीं रहने के कारण कभी किसी दूसरे के दरवाजे पर पढ़ाई कराई जा रही है. बच्चों को ठंड, गर्मी हो या फिर बरसात के मौसम में भी बच्चों को कमोबेस इसी तरह पढ़ाई कराई जाती है.
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Last Updated : Jan 11, 2024, 7:15 PM IST

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