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जिला जज का आदेश- जमानत के सिवा किसी अन्य केस में नहीं होगी सुनवाई, न्यायालय में पसरा सन्नाटा - alert in sitamarhi from Corona virus

कोरोना वायरस के कहर से व्यवहार न्यायालय में जिले के विभिन्न प्रखंडों से लोगों का आना जाना कम हो गया है. अब न्यायालय परिसर से 5 किलोमीटर दूर तक के लोग ही आते हैं.

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कोरोना वायरस

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Published : Mar 21, 2020, 2:02 PM IST

सीतामढ़ीः कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जिला जज कृष्णदेव पांडे काफी गंभीर दिख रहे हैं. उन्होंने न्यायालय परिसर के गेट को आम लोगों के लिए बंद करवा दिया है. न्यायालय परिसर में केवल वही लोग जा सकेंगे, जिन्हें किसी केस में जमानत करवानी हो. वहीं, सभी थानों को आदेश दिया गया है कि 7 साल तक की सजा वाले केसों में थाने से ही टेंपररी बेल दे दिया जाए.

परेशान हैं छोटे-मोटे व्यापारी
कोरोना वायरस के कहर से विश्व के साथ-साथ भारत में भी छोटे-मोटे व्यापारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. आम लोग रोजमर्रा की चीजों को छोड़कर अन्य सामान लेने में रुचि नहीं दिखा रहे, जिसके कारण छोटे-मोटे व्यापारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

न्यायालय में लगा जागरुकता पोस्टर

न्यायालय में लोगों का आना हुआ कम
सीतामढ़ी व्यवहार न्यायालय के आसपास करीब ढाई सौ से 300 दुकाने हैं. जिससे करीब 300 लोगों का परिवार चलता है. यहां के दुकानदारों के पास कम पूंजी है, वह महाजन से उधार लेकर अपनी दुकान चलाते हैं. कोरोना वायरस के कारण न्यायालय परिसर में लोगों का आना जाना कम हो गया. जिसके कारण दुकानदारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

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दुकानदारों की मारी गई रोजी-रोटी
इन दुकानदारों का कहना है कि सरकार कोरोना वायरस से तो इनका बचाव करे. लेकिन आर्थिक संकट से भी इन्हें उबारे. रोजाना करीब 15 से 20 हजार लोग न्यायालय और समाहरणालय में विभिन्न प्रखंडों से आते हैं. जिनसे इन दुकानदारों की रोजी-रोटी चलती है. कोरोना वायरस के कहर से जिले के विभिन्न प्रखंडों से लोगों का आना जाना कम हो गया है. अब न्यायालय परिसर मैं 5 किलोमीटर दूरी तक के ही लोग आते हैं. जिनकी संख्या सैकड़ों में होती है. वह भी मर्यादा पथ और विश्वनाथ पुर चौक पर घूम कर चले जाते हैं.

न्यायालय परिसर के अंदर बैठने वाले टाइपिस्ट का भी बुरा हाल है. उन्हें भी आर्थिक तंगी की मार झेलनी पड़ रही है. क्योंकि न्यायालय के आदेश के बाद उन्हें टाइपिंग करने से मना कर दिया गया, तो दूसरी तरफ केवल जमानत के लिए ही न्यायालय में लोग पैरवी के लिए आएंगे.

लोगों को किया जा रहा जागरूक
वैसे तो जिला विधिक सेवा प्राधिकार के जरिए बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर लगाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. प्राधिकार के सदस्य अशोक कुमार ने बताया कि आर्थिक तंगी की मार सिर्फ दुकानदार और टाइपिस्ट ही नहीं अधिवक्ता और कार्तिब को भी झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के कारण कहीं विश्व में आर्थिक संकट का दौर ना आ जाए. आने वाले दिनों में अगर कोरोना का असर इसी तरह रहा तो वह दिन दूर नहीं जब भारत भी आर्थिक संकट की चपेट में आ जाएगा.

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