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जमुई के नक्सल प्रभावित गांव में बनेगा जीविका समूह, विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए प्रशासन की पहल - Contribution of Jeevika Group

जमुई के चोरमारा गांव में जीविका समूह बनाने की तैयारी में जिला प्रशासन जुटा है. इस इलाके को नक्सलियों से प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. हालांकि अब यहां शिक्षा के साथ ही जीविका समूह बनाने की तैयारी चल रही है. पढ़ें पूरी खबर...

जीविका समूह
जीविका समूह

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Published : Oct 10, 2022, 11:30 AM IST

जमुई: बिहार के जमुई में चोरमारा में जीविका समूह (Jeevika Committee Form In Jamui) बनाने की तैयारी चल रही है. जिला प्रशासन के निर्देश पर डीपीएम ने बरहट पंचायत के नक्सलियों से प्रभावित चोरमारा गांव में जिले के पदाधिकारियों के साथ दौरा किया है. शहर से करीब 40 किमी दूर पहाडी क्षेत्र में बसा यह गांव आज भी विकास के लिए बाट जोह रहा है. इसी सिलसिले में अब जिला प्रशासन जीविका के सहयोग से इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है.



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गांव के विकास में जीविका समूह का योगदान:गौरतलब है कि बरहट प्रखंड का चोरमारा और गोरमारा गांव में शुरू से अति नक्सल (Jeevika In Naxalite Area Jamui) प्रभावित रहा है. यहां के लोगों तक सरकारी योजनाओ का लाभ पहुंचाना मुश्किल हो रहा है. यहां के लोगों को आर्थिक परेशानी के साथ ही यहां पर शिक्षा का अभाव है. हालांकि जिला पदाधिकारी अवनीश कुमार सिंह की कोशिश अब रंग ला रही है. यहां के लोगों तक सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू किया गया है. यहां अभी हाल में ही मेडिकल कैम्प लगाकर लोगों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

शनिवार को जिलाधिकारी अवनीश कुमार के निर्देश पर जीविका डीपीएम संजय कुमार, बीपीएम बरहट धर्मेन्द्र कुमार चौधरी, प्रबंधक जीविकोपार्जन कौटिल्य कुमार और क्षेत्रीय समन्वयक विनोद कुमार चोरमारा गांव पहुंचे. यहां के लोगों को जीविका समूह से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और बताया कि जीविका से जुड़कर आपको अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. हालांकि जीविका डीपीएम संजय कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन के आदेश पर हमलोगों ने जीविका समूह गठन करने के लिए यहां दौरा किया है.

हालांकि यहां पर पहले से भी जीविका समूह बना हुआ था, लेकिन नक्सल प्रभावित इलाका होने और दूरी होने की वजह से समूह निष्क्रिय हो चूका है. अब इस समूह को फिर से ड्राइव मोड में हमलोगों को लाना है और काम शुरू करना है. डीपीएम ने कहा कि समझाने पर करीब 40 महिलायें फिर से जीविका समूह से जुड़ने को तैयार हो गई है. यहां चोरमारा गांव में हमारा 10 समूह बनेगा और आगे भी समूह बनाने का प्रयास जारी रहेगा. इसके बावजूद जिला प्रशासन और जीविका के सहयोग से यहां पर कई दुकानें भी खुलवाई जाएंगी. जिससे यहां के लोगों को 30 किलोमीटर पैदल चलकर बाजार न जाना पड़े.

जीविका पदाधिकारियों के पहुंचने पर यहां महिलाएं उत्सुकता पूर्वक अधिकारियों की बातें सुन रही थी. वहां मौजूद महिलाओं ने अपनी समस्याएं भी बताई. जिसके निदान के लिए कुछ पढ़ी-लिखी महिलाओं के सहयोग से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ के बारे में बताया गया. महिलाओं से बातचीत के दौरान पता चला कि यहां कई लोगों में शिक्षा के साथ-साथ जागरूकता का भी अभाव है. जिससे यहां के लोग विकास से कोसों दूर हैं.

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