जमुईः भारत में बाल श्रम एक बड़ी समस्या है, सरकार इसके लिए योजनाएं तो चलाती है पर वह धरातल पर काम करती हुई नजर नहीं आती. लेकिन एक एनजीओ और श्रम विभाग की पहल से बाल श्रमिकों के लिए एक विशेष आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है. जहां उनकी पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ उनके विकास पर ध्यान दिया जा रहा है.
इस पहल से ऐसे बच्चे जो होटलों, दुकानों और ईंट के भट्टों पर काम करते हैं, उन बच्चों को मुक्त करवाकर उनकी बेहतरी की दिशा में काम किया जा रहा है.
कभी धोते थे झूठे बर्तन
ये बच्चे किसी होटल या फिर किसी ईंट भट्टों में काम किया करते थे. आज ये बच्चे खुश हैं. वजह है इनके रहन-सहन और जिंदगी में आया बदलाव. होटलों में झूठे बर्तन धोना पड़ता था, मालिक से मार भी खानी पड़ती थी पर अब वे बेहतर जिंदगी जी रहे हैं. साथ ही वे अब अंग्रेजी भी बोल लेते हैं.