जमुई: भारत और चीन के बीच इन दिनों तनाव का माहौल देखा जा रहा है. शुक्रवार को झाझा में जिला चेम्बर ऑफ कॉमर्स झाझा इकाई खुदरा विक्रेता महासंघ इकाई की संयुक्त तत्वावधान में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. इसमें चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष सीताराम पोद्दार, पूर्व महासचिव घनश्याम प्रसाद गुप्ता, महासचिव राकेश सिंह, उपाध्यक्ष पवन सुल्तानिया, राजू रावत, विक्रेता संघ के अध्यक्ष इंद्रदेव केशरी, पूर्व सचिव सोनू वर्णवाल सहित अन्य कई लोग चीन के राष्ट्रपति के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला.
जमुई: चीन के खिलाफ व्यवसायी संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन, राष्ट्रपति का फूंका पुतला - व्यवसायी संगठनों ने किया प्रदर्शन
जमुई जिले में शुक्रवार को चीन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया गया. व्यवसायी संगठनों के लोगों ने चीन के राष्ट्रपति का पुतला फूंककर विरोध जताया. इसके साथ ही उन्होंने शपथ लिया कि वे लोग अब से चीन का कोई सामान नहीं खरीदेंगे. उन्होंने कहा कि आम जनता को भी चीन में बनी वस्तुओं का पूर्ण बहिष्कार करना होगा.
चीन के राष्ट्रपति का फूंका गया पुतला
बीते 15/16 जून को गलवान घाटी पर हुए भारत और चीन सेनाओं की झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. इन भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद से ही भारतीय नागरिकों में आक्रोश भरा हुआ है. वहीं भारत के कई जगहों पर लोग चीन के राष्ट्रपति का पुतला दहन कर विरोध जता रहे हैं. जमुई जिले में भी पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान लोगों ने नारा लगाते हुए बाजार का भर्मण किया भी किया.
चीन की वस्तुओं का करें बहिष्कार
व्यवसायी संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि भारत हमेशा शांति चाहता है, लेकिन चीन तानाशाही रवैया अपनाया हुआ है. संगठनों के लोगों ने कहा कि देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात 20 सैनिकों पर चीन ने धोखे से हमला किया. चीन अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें देश की सेना के साथ मिलकर चीन को सबक सिखाना होगा. आम जनता को चीन में बनी वस्तुओं का पूर्ण बहिष्कार करना होगा, जिससे चीन को खुद की हकीकत का पता चल सकें.
शहीद जवानों का किया गया याद
व्यवसायी संगठनों के लोगों ने कहा कि चीनी वस्तु को हमलोग छोड़कर भारतीय सामानों की ही खरीदारी करें, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था कमजोर हो जाए. इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने शहीद जवानों के प्रति दो मिनट का मौन रखकर सेनिको के शौर्य एवम् बलिदान को याद किया.