जमुई:भोजपुर लोक कला के धुव्र तारा भिखारी ठाकुर (Wrong Photo of Bhikhari Thakur published) की गलत तस्वीर प्रकाशित करने का मामला सामने आया है. ऐसी गलती बिहार शिक्षा विभाग ने की है. जब ये कारनाम खुलकर बाहर आया तो अब 33 हजार विद्यालयों से पोस्टर वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. दरअसल, बिहार शिक्षा विभाग ने एक शिक्षा परियोजना के तहत राज्य के सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में "बिहार के महान व्यक्ति" के नाम से पोस्टर वितरित की थी.
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सरकारी स्कूलों से पोस्टर वापस लेना शुरू:जमुई के 1705 विद्यालयों से भी इन पोस्टरों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह पोस्टर भिखारी ठाकुर (Bhojpuri Legend Bhikhari Thakur) के स्थान पर एक वृद्ध व्यक्ति की तस्वीर प्रकाशित होने के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है. प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में नामांकित लाखों छात्र-छात्राएं बिहार के शेक्सपियर को खोज रहे हैं. वहीं, भिखारी ठाकुर के प्रशंसक गलत जानकारी देने के लिए बिहार शिक्षा विभाग को निशान बना रहे हैं.
पठन-पाठन के लिए एफएलएल योजना शुरू: सूबे के 33 हजार विद्यालयों में बिहार शिक्षा परियोजना (Bihar Education Project) के जरिए बच्चों के पठन-पाठन के लिए एफएलएल योजना के तहत प्रत्येक विद्यालयों को पोस्टर उपलब्ध कराया गया है. जिसमें बिहार के महान व्यक्ति के बारे में जानकारी बच्चों तक पहुंचाने के लिए लाखों की संख्या में पोस्टर और कैलेंडर उपलब्ध कराए गए हैं. इन पोस्टरों और कैलेंडर में बिहार के 16 विभूतियों की तस्वीर और जानकारी प्रकाशित की गई है.