पटना : बिहार के जमुई में स्थित सिमुलतला आवासीय विद्यालय (Simultala Residential School) को टॉपर्स फैक्टरी के नाम से जाना जाता है. पिछले कुछ सालों से यहां के नतीजों ने निराश किया है. लेकिन एक बार फिर सिमुलतला से उम्मीद बंधी है. बताया जाता है कि मैट्रिक रिजल्ट से पहले जमुई के सिमुलतला आवासीय विद्यालय के सबसे अधिक 30 छात्र-छात्राओं का फिजिकली वेरिफिकेशन हुआ है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है, कि इस बार टॉपर्स की फैक्टरी कहे जाने वाले सिमुलतला से सबसे अधिक छात्र छात्राओं को टॉप टेन में जगह मिलेगी.
ये भी पढ़ें: मैट्रिक में स्टेट लेवल पर 7वां स्थान और सिमुलतला का टॉपर, फिर भी गुमनाम
सिमुलतला की चर्चा क्यों? : बिहार बोर्ड 2023 के 10वीं के नतीजों की घोषणा कभी भी हो सकती है. बीएसईबी ने रिजल्ट घोषित करने की तैयारी पूरी कर ली हैं. 10वीं को नतीजों का ऐलान बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा किया जाएगा. परिणाम घोषित किए जाने को लेकर नोटिफिकेशन कभी भी जारी हो सकता है. लेकिन हर बार कि तरह एक बार टॉपर्स की फैक्टरी सिमुलतला की चर्चा है.
रिजल्ट को लेकर सिमुलतला के बच्चे उत्साहित : परीक्षा परिणाम को लेकर विद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक-शिक्षिकाओं में उत्साह चरम पर देखा जा रहा है. इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में 58 छात्र और 58 छात्राएं सहित कुल 116 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. परीक्षा केंद्र छात्रों का प्लस टू उच्च विद्यालय महात्मा गांधी जबकि छात्राओं का देव सुंदरी महाविद्यालय झाझा में दिया गया था.
सिमुलतला का इतिहास:सिमुलतला की शुरुआत साल 2010 में हुई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2010, 9 अगस्त को इस विद्यालय का उद्घाटन किया था. गुरुकुल पद्धति पर आधारित यह स्कूल आवासीय विद्यालय है. नीतीश कुमार ने बिहार के बच्चों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखकर इस स्कूल की शुरुआत की थी. सिमुलतला में क्लास 6 से 12 तक की पढ़ाई होती है.
कैसे हुई सिमुलतला की शुरुआत: 15 नवंबर 2020, बंगाल से अलग होने के करीब 88 साल बाद बिहार दो टुकड़ों में बंट गया. नया राज्य झारखंड बना. झारखंड की स्थापना के बाद इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय (हजारीबाग) और नेतरहाट आवासीय विद्यालय (रांची) झारखंड में चले गए. इस कमी को पूरा करने के लिए बिहार सरकार ने जमुई के सिमुलतला में एक आवासीय विद्यालय की स्थापना की. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिमुलतला आवासीय विद्यालय को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया.
जमुई की पहाड़ियों मे स्थित सिमुलतला :टॉपर्स की फैक्टरी सिमुलतला स्कूल बिहार के जमुई जिले में स्थित है. साल 2015 से मैट्रिक परीक्षा में छात्र शामिल होते रहे है. हमेशा से यहां के बच्चे रिकॉर्ड बनाते रहे हैं. लेकिन, पिछले साल यानी 2022 में सिमुलतला का रिजल्ट निराशाजनक रहा. इस स्कूल के एक भी छात्र-छात्राओं ने टॉप 5 में जगह नहीं बना सके. 2021 में 3 बच्चों ने टॉप 5 में जगह बनाई थी.
7 साल के सिमुलतला के नतीजों पर नजर : साल 2015 में मैट्रिक परीक्षा में टॉप टेन में यहां के 30 छात्र छात्राओं ने जगह बनाई थी. साल 2016 में टॉप टेन में 42 छात्रों ने शामिल होकर सिमुलतला का नाम रोशन किया. साल 2019 में सिर्फ 16 छात्र टॉप टेन में पहुंचे थे. साल 2020 में रिजल्ट अच्छा नहीं रहा और सिर्फ 6 छात्रों ने टॉप टेन में जगह बनाई. साल 2021 में भी सिमुलतला का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. टॉप टेन में सिर्फ 13 छात्र-छात्राएं पहुंचे. इस साल सिमुलतला की शुभदर्शनी और पूजा कुमारी संयुक्त टॉपर बनी थीं. साल 2022 में में सिमुलतला के नतीजों ने निराश किया और सिर्फ 5 बच्चों ने टॉप 10 में जगह बनाई.