जमुई:बिहार पुलिस अपने कई कारनामों के कारण समय-समय पर सुर्खियों में बनी रहती है. उसी कड़ी में जमुई जिला पुलिस के नाम पर एक और कारनामा जुड़ गया है. दरअसल, ठगी और धोखाधड़ी के परिवाद पत्र के आधार पर केस दर्ज हुआ था. जांचकर्ता पुलिसकर्मी त्रिपुरारी कुमार ने 2019 में अपनी जांच रिपोर्ट में जिंदा नवरंगी महतो को मुर्दा घोषित कर दिया था. 2021 में ईटीवी भारत की पड़ताल में नवरंगी महतो जिंदा निकला.
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जमुई पुलिस का कारनामा
मामला टाउन थाना क्षेत्र के लोहरा गांव का है. जहां ठगी और धोखाधड़ी के मामले को लेकर नवरंगी महतो की पत्नी झालो देवी ने गांव के ही रामरूप महतो, सूलो देवी और अरविंद महतो के खिलाफ परिवाद दायर किया था. परिवाद के अनुसार जमीन निबंधन के लिए 1 लाख 68 हजार का भुगतान किया था. इसके लिए आवश्यक स्टाम्प पेपर की खरीदारी की गई.
ठगी और धोखाधड़ी का आरोप
सभी दस्तावेज तैयार थे लेकिन उक्त तारीख को अवर निबंधक के नहीं रहने के कारण जमीन का निबंधन नहीं हो सका. दूसरे दिन निबंधन करने से आरोपित मुकर गया. उक्त परिवाद के आधार पर जमुई टाउन थाने में मामला दर्ज किया गया. जांच की जिम्मेदारी प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक त्रिपुरारी कुमार को दी गई थी.
पुलिस ने जिंदा को बताया मुर्दा
जांचकर्ता त्रिपुरारी कुमार ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि नवरंगी महतो की मृत्यु हो जाने के उपरांत झम्मन महतो का लालन पोषण रामरूप महतो ने किया था. अब झम्मन महतो अपने चाचा रामरूप महतो से उसके हिस्से की संपत्ति में हिस्सा मांगता है.