जमुईः किसा भी इंसान के लिए विपरीत परिस्थितियों में अपने सपनों को पूरा करना आसान नहीं होता है. आज हम आपको इसकी बानगी बताने जा रहे हैं. कहानी है जिले के खैरा प्रखंड एक छोटे से गांव फतेहपुर की. जहां एक 10 साल की दिव्यांग बच्ची सीमा (10 Year divyang girl from jamui inspirational story) अपने सपनों को उड़ान देने में जुटी है. शरीर से एक पैर कट चुका है, लेकिन हौसले के पंख इतने मजबूत हैं कि पढ़ लिखकर बुलंदी तक पहुंचने की ठान ली है. पढ़ने का जुनून ऐसा कि एक पैर से हर दिन 500 मीटर पगडंडियों पर चलकर सीमा स्कूल आती और जाती है.
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दो साल पहले हुई थी हादसे का शिकारः परिवार वालों ने बताया कि सीमा लगभग दो साल पहले एक हादसे का शिकार हो गई थी. एक ट्रैक्टर की चपेट में आकर वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी. सीमा की जान बचाने के लिए डॉक्टर को एक पैर काटना पड़ा था. लेकिन सीमा हिम्मत नहीं हारी. ठीक होने के बाद ये बच्ची फिर से अपना सारा काम करने लगी. यहां तक कि सीमा एक पैर पर धंटों तक खड़ी रहती है. ''बच्ची हमारे स्कूल के कक्षा चार में पढ़ती है. जब हमने इसे स्कूल आते देखा तो मन में आया कि इस बच्ची के लिए कुछ करना चाहिए. इसलिऐ हमनें इसके स्कूल आते-जाते एक छोटा सा वीडियो क्लिप बनाकर ट्विटर पर डाल दिया. फिर मीडिया के माध्यम से खबर लोगों तक पहुंच गई.''- गौतम गुप्ता, सीमा के स्कूल के टीचर
सपने को पूरा करने में जुटी बच्चीः जमुई की रहने वाली ये दिव्यांग बच्ची फतेहपुर गांव के सरकारी स्कूल में चौथी क्लास की छात्रा है. सीमा के शिक्षक कहते हैं कि यह बुलंद हौसले वाली बच्ची है. एक पैर नहीं होने के बावजूद पगडंडियों पर चलकर खुद स्कूल पहुंच जाती है. बिना किसी पर बोझ बने अपनी शिक्षा पूरी करना चाहती है. महादलित समुदाय से आने वाली दिव्यांग छात्रा सीमा का सपना पढ़-लिखकर टीचर बनने का है, वो बड़े होकर बच्चों को पढ़ाना चाहती है. तमाम परेशानियों के बावजूद वो स्कूल जाती है और अपने सपने को पूरा करने में जुटी है. सीमा पांच भाई-बहन हैं.
स्कूल जाने की जिद करती थी सीमाःसीमा की मां बेबी देवी कहती हैं कि दूसरे बच्चों को देखकर स्कूल जाने की जिद करती थी. जिस कारण नाम लिखवाना पड़ा. सरकारी कोई मदद नहीं है. ईंटा पारते हैं. बच्ची के पिता बाहर मजदूरी करते हैं और कोई काम नहीं है. खेती बारी रोजी रोजगार कुछ नहीं है. किसी तरह परिवार का भरण पोषण होता है. बच्ची पढ़ना चाहती है, इसलिए हमलोग भी चाहते हैं कि पढ़ ले.