गोपालगंज:बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति की ओर से पिछले 17 फरवरी से हड़ताल जारी है. इस दौरान जिला प्रशासन ने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने वाले 102 शिक्षकों को निलंबित कर दिया. जिसके विरोध में शिक्षक गुस्सा होकर सरकार की ओर से किए गए इस कार्रवाई की निंदा की और शिक्षकों ने शिक्षा भवन परिसर में निलंबन की प्रतियां को जलाकर विरोध किया.
गोपालगंज: जिला प्रशासन की कार्रवाई से शिक्षकों का फूटा गुस्सा, जलाई निलंबन की प्रतियां
मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने के कारण जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए गोपालगंज में 102 शिक्षकों को निलंबित कर दिया. इससे गुस्साए शिक्षकों ने जिला शिक्षा भवन परिसर में निलंबन पत्र की प्रतियां को जलाकर विरोध जताया. इस मौके पर शिक्षकों ने कहा सरकार के इस दमनकारी नीतियों से डरने वाले नहीं हैं.
बता दें कि समान काम के बदले समान वेतन के मांग को लेकर बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वयक समिति की ओर से हड़ताल जारी है. गोपालगंज जिला शिक्षा भवन परिसर में माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक संघ ने अपना हड़ताल जारी रखा है. शिक्षकों के हड़ताल से पूरे जिले में करीब तीन सौ विद्यालय प्रभावित है.
'सरकार की धमकियों से डरने वाले नहीं'
डेढ़ हजार शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से शिक्षकों ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों की हड़ताल से पूरी तरह से दबाव में आ गई है. इसी कारण से घबराकर शिक्षकों को डराने धमकाने के लिए लगातार तुगलकी फरमान जारी कर रही है. सरकार के इन धमकियों से नियोजित शिक्षक डरने वाले नहीं है. क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें अपने अधिकारों को लेकर संवैधानिक तरीके से हड़ताल करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाए. साथ ही शिक्षकों ने कहा कि नियोजित शिक्षक सरकार के आदेश को अपने एकता के बल पर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कसकर तैयार है.