गोपालगंज: बिहार में नीतीश कुमार सुशासन बाबू कहे जाते हैं. सुशासन का मतलब अच्छा शासन. लेकिन, बिहार में तेजी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है. बढ़ते अपराध पर सरकार को आइना दिखाने के लिए ईटीवी भारत की टीम आम लोगों से बात कर रही है. आइए जानते हैं गोपालगंज की जनता बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर पर क्या कहती है.
'अब हमें डर लगता है साहब'
क्यूं करे विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार,प्रदेश के मुखिया सीएम नीतीश ने बीते दिनों कुछ इसी तरह से लोगों के बीच अपनी दावेदारी पेश की थी. लेकिन वे कितने ठीक हैं, और लोग किस तरह उनके इस नारे पर विचार कर रहे हैं, वह हाल के दिनों में क्राइम की बढ़ती घटनाओं पर लोगों की प्रतिक्रिया से साफ हो रहा है. सुशासन वाले राज में जनता अब साफ तौर पर कहती नजर आ रही है कि अब हमें डर लगता है साहेब. अब बिहार 20 साल पहले वाले जंगलराज की ओर लौट रहा है.
'कब, किस वक्त, किसके साथ, क्या हो जाए कहना मुश्किल'
प्रदेश की जनता कुछ इसी तरह अपना हाल बयां कर रही हैं. हाल के दिनों में राज्य का कोई ऐसा कोना नहीं बचा जहां अपराध ना हुए हों. चोरी डकैती की बात कौन कहे, हत्या, छेड़खानी, दुष्कर्म की वारदातें भी अपने चरम पर हैं. लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि अब बिहार में कब, किस वक्त, किसके साथ, क्या हो जाए कहना मुश्किल है.
हर तरह के अपराधों में हुई बढ़ोतरी
गोपालगंज जिला भी इससे अछूता नहीं है. पिछले कुछ महीनों में हर तरह के अपराधों में इस कदर बढ़ोतरी हुई है जिसकी कल्पना मात्र से रुह कांप उठे. भोरे में पेट्रोल टंकी मालिक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, सोहागपुर में प्रॉपर्टी डीलर का रास्ता रोक कर गोलियों की बौछार की गई जिससे पूरा इलाका दहल उठा और फिर डीलर की मौत हो गई. मीरगंज में एक व्यवसायी से पहले तो पांच लाख के रंगदारी की मांग की गई और नहीं देने पर दिन दहाड़े गोलियों से भून कर हत्या कर दी गईं. वारदातें यहीं खत्म नहीं हुई साहब, छात्र तक को अपराधियों ने नहीं बक्शा. हरखौली मोड़ के पास गोली मार कर तो वहीं भोरे में गला रेत कर छात्रों की हत्या कर दी गई. ये घटनाएं बताने के लिए काफी हैं कि बिहार में अब कोई भी सुरक्षित नहीं रहा.
'सरकार ही है नपुंसक'
किराना व्यवसायी कमल लाभवानी ने गुस्सा जाहिर करते हुए सरकार को ही नपुंसक करार दिया.