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गोपालगंज: समाजसेवी नवीन श्रीवास्तव गरीब बच्चों के बीच जगा रहे हैं शिक्षा की अलख

नवीन श्रीवास्तव आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. इनकी पहचान इनके कामों से हुई है. नवीन जिले के एकलौता ऐसे शख्स हैं जिन्होंने अब तक 278 लावारिश शवों का रीतिरिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया है. साथ ही निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा बहाल किया है.

Social activist Naveen Srivastava is awakening education
Social activist Naveen Srivastava is awakening education

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Published : Feb 9, 2021, 1:08 PM IST

Updated : Feb 10, 2021, 3:11 PM IST

गोपालगंज:मानिकपुर गांव निवासी नवीन श्रीवास्तव और उनकी पत्नी शिल्पा श्रीवास्तव गरीब बच्चों के बीच सुदूर देहात में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. दंपति की ओर से किए जा रहे इस कार्य को देख ग्रामीण फूले नहीं समा रहे हैं. ग्रामीणों को यह विश्वास है कि नवीन और उनकी पत्नी के इस कार्य से उनके बच्चों को शिक्षा मिल पायेगी और उनके बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सकेगा.

गांव के बच्चे शिक्षा से कोसों दूर थे

दरअसल. जिले के सदर प्रखण्ड के मानिकपुर गांव निवासी नवीन श्रीवास्तव आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. इनकी पहचान इनके कामों से हुई है. नवीन जिले के एकलौता ऐसे शख्स हैं जिन्होंने अब तक 278 लावारिश शवों का रीतिरिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया है.

गरीब बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगा रहे है नवीन

समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत
बता दें कि पेशे से नवीन श्रीवास्तव सिविल सर्विसेज की तैयारी कराने वाले एक शिक्षक हैं. जो न सिर्फ लावारिश शव का अंतिम संस्कार ही करते हैं बल्कि समाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. हाल के दिनों में नवीन श्रीवास्तव ने निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा बहाल किया है. ऐसे अनगिनत समाजिक कार्य कर आज ये समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं.

गरीब बच्चों के मसीहा
इन्हीं कार्यों में इन्होंने एक और कार्य को जोड़ दिया है. सुदूर देहात में गरीब बच्चों के बीच शिक्षा के अलख जगाने की है. ऐसे सुदूर गांव जहां के बच्चे शिक्षा से कोसों दूर हैं. जिन्हें सरकार के तरफ से मिलने वाली सुविधाओं का कोई लाभ प्राप्त नहीं हो पाता है. ऐसे में इन बच्चों को शिक्षादेने की जिम्मेवारी उठाकर गरीब बच्चों के लिए मसीहा बन गए हैं.

नवीन ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी शिल्पा कर रही है सहयोग

नवीन के साथ पति शिल्पा देती है साथ
बता दें कि अब यहां के बच्चों के जुबान से किताबी ज्ञान निकल रही है. यहां के बच्चे एबीसीडी, ककहरा के साथ पहाड़ा और गिनती सीख कर एक दूसरे को सिखाने लगे हैं. और यह सब हुआ है नवीन श्रीवास्तव की बदौलत और इस कार्य में सिर्फ नवीन ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी शिल्पा श्रीवास्तव भी अपने पति के इस कार्यो में उनका भरपूर सहयोग कर रही हैं.

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दंपति गरीब बच्चों को दे रही है नई जीवन
नवीन और उनकी पत्नी शिल्पा श्रीवास्तव पिछले कई माह से सदर प्रखंड के खाप मकसूदपुर गांव में जहां शायद कोई सुविधा नहीं पहुंच पाती है. वैसे जगहों पर जाकर ये दंपति गरीब बच्चों को इस ठंड के मौसम में भी हाथ पकड़ पढ़ा कर उन्हें एक नई जीवन देने में लगे हुए हैं. साथ ही बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री और बिस्कीट का भी वितरण करते हैं. ताकि बच्चों को शिक्षा ग्रहण में कोई समस्या न हो.

Last Updated : Feb 10, 2021, 3:11 PM IST

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