गोपालगंजःमानसून(Monsoon In Bihar) के आने के साथ ही बिहार एक बार फिर से जलमग्न है. बिहार के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं. खास तौर पर नेपाल से सटे हिस्सों में लोग पलायन करने की स्थिति में आ गए हैं. गोपालगंज के सदर प्रखंड (Gopalganj Sadar Block) का भी यही हाल है. यहां के 6 पंचायतों के 21 गांव बाढ़ के पानी (Flood Water) में डूबे हैं. इलाके से अभी तक एक हजार लोगों को रेस्क्यू (Rescue) कर बाहर निकाला गया है.
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क्यों बने बाढ़ के हालात?
दरअसल बिहार में मानसून के आने के बाद से लगातार बारिश हुई है. वहीं नेपाल के तराई (Terai of Nepal) वाले इलाके में भी लगातार बारिश हो रही है. इधर लगातार बारिश के कारण बाल्मीकि नगर बराज (Valmiki Nagar Barrage) से 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी (Cusec water) छोड़ा गया है.
इसके कारण बेतिया और गोपालगंज से होकर गुजरने वाली गंडक का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है. गंडक में जलस्तर बढ़ने के कारण उसका पानी आसपास के गांवों में घुस गया है. जिसके कारण बाढ़ जैसे हालात (Situation like Flood) बने है.
6 पंचायत के 21गांव पानी में डूबे
गंडक के जलस्तर में हुई अचानक वृद्धि के कारण दियरा इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. जिले के सदर प्रखंड के 6 पंचायत के 21 गांव गंड़क के पानीमें डूब गए हैं. इस बीच रेस्क्यू का काम भी जारी है. निचले इलाके में रहने वाले 1 हजार लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया है. बताया जाता है कि इन गांवों के 7 से 8 सौ घर में बाढ़ का पानी घुस गया था और 5 सौ घर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं.
नाव ही एक सहारा है?
गोपालगंज सदर प्रखंड के 21 गांवों में गंडक का पानी घुसा है. जिसके कारण यहां के लोगों को पानी के बीच ही जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. आवागमन के सारे रास्ते बंद हो गए हैं, ऐसे में अब नाव ही एक मात्र सहारा है. लेकिन लोगों के विपदा की घड़ी में सरकारी नाव भी नहीं मिल रही है. दियरा इलाके के बाढ़ पीड़ित लोगों को अपने पैसे खर्च करके आवगमन करना पड़ रहा है.