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गोपालगंज : बाढ़ की ऐसी भयावह तस्वीर, जो आपने अबतक नहीं देखी होगी - situation of flood

बिहार के गोपालगंज में बाढ़ अपना रौद्ररूप दिखा रही है. शुक्रवार रात देवापुर छरकी, देवापुर मुख्य बांध और अन्य स्थान पर तटबंध पानी के दबाव से टूट गए.बाढ़ का पानी देवापुर और नवादा पंचायत में भर गया है और बरौली की दिशा में तेजी से जा रहा है. बाढ़ की वजह से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. जिला प्रशासन लोगों की मदद में जुटा है.

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Published : Jul 25, 2020, 3:52 PM IST

Updated : Jul 25, 2020, 4:31 PM IST

गोपालगंज: बिहार में ऐसे तो 10 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, लेकिन गोपालगंज में तटबंध के टूटने के बाद कई प्रखंडों की हालत खराब हो गई है. बरौली प्रखंड के शहरी इलाकों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जबकि छत पर आसमान से गिर रही बारिश की बूंदें छतों को ठिकाना बनाने में बाधा उत्पन्न कर रही हैं.

देखें रिपोर्ट

गोपालगंज के देवापुर में सारण तटबंध के टूट जाने के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी फैल गया. जिस इलाके में कभी भी बाढ़ का पानी नहीं पहुंचा था, वहां भी बाढ़ का मंजर देख लोग सहम गए. घरों के कमरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. लोगों ने जब पक्के मकानों की छत पर शरण लिए तो वहां भी बारिश की बूंदें उन्हें ठिकाना बनाने से रोकी रही. छत पर टिके लोग किसी मददगार की आस में हैं. इनके पास ना खाने को खाना है और न ही पीने को पानी.

अस्त व्यस्त जनजीवन

सारण तटबंध टूटा, कई गांव जलमग्न

देवापुर में नदी ने विकराल रूप दिखाया और सारण बांध को तोड़ दिया. बांध टूटने की सूचना के बाद ढढ़वा, सोनबरसा, आलापुर, जोकहा, रूपनाछाप सहित बरौली गांव के लोग तटबंध पर शरण ले लिए.

पानी की वजह से छत पर रह रहे लोग

सिसई : 'अब तो खाने पर आफत है'

सिसई गांव के ग्रामीण बताते हैं कि गांव के कई लोग तो तटबंध पहुंच गए लेकिन कई लोग घरों को छोड़कर नहीं जाना चाहते. छतों पर लोगों को ठिकाना बनाने की कोशिश की. इसके लिए छतों पर चूल्हा-बर्तन लेकर पहुंच गए, लेकिन प्रकृति की मार भारी पड़ी. मिट्टी के चूल्हे पानी में विलीन हो गए. अब तो खाने पर आफत है.

पेश है रिपोर्ट

देवपुर : बाढ़ के पानी में रस्सी के सहारे बाहर निकले

इधर, देवपुर के गांव के लेाग अभी भी छतों पर शरण लिए हुए हैं. देवपुर के ग्रामीण कहते हैं कि छत पर शरण लिए हुए हैं लेकिन पानी के बीच में रहने के बावजूद पीने को पानी नहीं. सुबह में परेशानी और बढ़ गई जब बाथरूम के लिए भी स्थान नहीं मिल रहा. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को कई लोग बाढ़ के पानी में रस्सी के सहारे बाहर निकल सके थे. जो निकल गए, सो निकल गए, इसके बाद देखने वाला कोई नहीं.

पानी में लोग

बरौली: 'सबकुछ बर्बाद हो गया'

बरौली के लोग कहते हैं कि उनका तो सबकुछ बर्बाद हो गया. उन्हें अब भविष्य को लेकर चिंता है. बरौली के नागेश्वर कहते हैं कि बाढ़ का पानी तो आज नहीं तो कल उतर जाएगा, लेकिन उनके दुकान में रखे सभी सामान बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गए, उनका क्या होगा. उनकी आगे की जिंदगी कैसे कटेगी.

टूटा तटबंध

गोपालगंज में कहां-कहां टूटा बांध:

  • बैकुंठपुर में टूटा जमींदारी बांध
  • बैकुंठपुर प्रखंड के पुरैना में सारण मुख्य बांध टूटा
  • मांझा प्रखंड के पुरैना में सारण मुख्य तटबंध टूटा
  • मांझा प्रखंड के पुरैना गांव के पास रिंग बांध टूटा
  • बरौली के देवापुर में सारण मुख्य तटबंध टूटा
  • बरौली प्रखंड के देवापुर में रिंग बांध टूटा
  • जादोपुर के राजवाही में गाइड बांध टूटा
  • सलेमपुर-सिकटिया बांध ध्वस्त
    गोपालगंज में बाढ़ की स्थिति

नौ लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित
बता दें कि बिहार में सभी नदियां उफान पर हैं और 10 जिलों के 74 प्रखंडों के 529 पंचायत के नौ लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं. सरकार राहत और बचाव कार्य चला रही है लेकिन लोगों की शिकायत है कि राहत सभी पीड़ितों तक पहुंच नहीं रही है.

बाढ़ में डूबे घर
Last Updated : Jul 25, 2020, 4:31 PM IST

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